कंडीशनल इस्तीफा देकर सियासी पार्टियों के टार्गेट पर आए सुखपाल खैहरा

punjabkesari.in Saturday, Apr 27, 2019 - 08:14 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): आम आदमी पार्टी से अलग-थलग होकर अपनी अलग सियासी पार्टी व फ्रंट बनाने वाले सुखपाल सिंह खैहरा ने गत दिनों बठिंडा से नामांकन भरने से पहले विधानसभा से अपनी भुलत्थ विधानसभा हलके की सदस्यता को लेकर इस्तीफा दिया था, जिसे लेकर एक बार फिर सुखपाल सिंह खैहरा अपनी विरोध सियासी पार्टियों के नेताओं के टार्गेट पर आ गए हैं।

इस बारे आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता अमन अरोड़ा ने खैहरा पर हमला बोलते हुए कहा कि अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति भी यह जानता है कि विधानसभा में 2 लाइन का इस्तीफा स्वीकार होता है। उसके लिए विधानसभा से एक रैजीगनेशन फार्म मिलता है जिस पर 2 लाइनें लिखकर इस्तीफा दे दिया जाता है लेकिन खैहरा ने जानबूझ कर & पेज की कहानी लिख कर स्पीकर को दी है। उन्होंने कहा कि इस बात का खैहरा को भी पता है कि इस प्रकार के कंडीशनल इस्तीफे को स्पीकर मंजूर नहीं करते। उन्होंने कहा कि खैहरा को अपने चहेते विधायक नाजर सिंह से ही सलाह ले लेनी चाहिए थी क्योंकि नाजर सिंह ने 2 लाइनें लिख कर इस्तीफा दिया है। अमन अरोड़ा ने साफ कहा कि खैहरा का यह इस्तीफा सिर्फ राजनीतिक स्टंट है और चुनावों के बाद दोबारा अपनी विधायकी संभालने पहुंच जाएंगे। 

वहीं, शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने भी खैहरा को ड्रामेबाज बताते हुए कहा है कि खैहरा ने जो 4-5 पेज का इस्तीफा दिया है, वह उनका सियासी ड्रामा है। ऐसा इस्तीफा विधानसभा में स्वीकार नहीं होता। वहीं, सी. एडवोकेट मनदीप सिंह सचदेवा ने कहा कि विधानसभा में अनकंडीशनल इस्तीफा स्वीकार किया जाता है। कंडीशनल इस्तीफा अधिकतर रद्द कर दिया जाता है क्योंकि इसमें या तो कोई न कोई शर्त रख दी जाती है या फिर समय दे दिया जाता है। अगर इस समय के दौरान उक्त शर्तें पूरी न हुईं तो इस्तीफा माना जाए अगर शर्तें पूरी हो गईं तो इस्तीफा न माना जाए। उधर, इस बारे में सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि उन्होंने जो इस्तीफा दिया है और वह बिल्कुल सही है। उन्हें अपने काम का पता है, जिन्होंने आरोप लगाने हैं वे लगाते रहें। चुनावों के बाद अगर जरूरत पड़ी तो वह स्पीकर के आगे दोबारा इस्तीफा लिख देंगे।

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