''आप'' ने पंजाब में गहरा रहे बिजली संकट की बताई वजह

punjabkesari.in Sunday, May 15, 2022 - 10:36 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने राज्य में बिजली समस्या के लिए पिछली कांग्रेस और अकाली-भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने दावा किया है कि पंजाब के किसान व भगवंत मान सरकार, दोनों ही पंजाब का भला चाहते हैं और बिजली के मसले पर बने गतिरोध का जल्द हल निकल आएगा। 

कंग ने कहा कि किसान जत्थेबंदियों द्वारा मोर्चा लगाने के किए गए ऐलान संबंधी सरकार पूरी तरह से अवगत है और किसान नेताओं के साथ सरकार लगातार संपर्क में है। कंग ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिए बिजली संकट की वजह से बनी स्थिति का हल निकाल लेंगे। कंग ने कहा कि रिवायती पार्टियों ने अपने निजी फायदों के लिए पंजाब के बिजली पैदा करने वाले साधनों का इस्तेमाल किया और थर्मल पावर प्लांट की हालत बद से बदतर कर दी। यही कारण है कि आज पंजाब में बिजली की समस्या उत्पन्न हुई है। इस मौके पर उनके साथ पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग और शशि वीर शर्मा भी मौजूद थे।

शनिवार को पार्टी कार्यालय में कंग ने कहा कि पिछले 108 साल के मुकाबले इस साल गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिस कारण इस साल अप्रैल और मई महीने में 40 से 45 प्रतिशत बिजली की मांग बढ़ गई है जोकि औसतन 10,900 मैगावाट है जबकि पिछले साल इन दोनों महीनों में बिजली की खपत 6500 मैगावाट थी। कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और ऊर्जा मंत्री पंजाब में बिजली की मांग पूरी करने लिए दिन-रात काम कर रहे हैं और लगातार योजनाएं बना रहे हैं। पंजाब में आने वाले समय में बिजली की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि धान की बिजाई के सीजन में बिजली की खपत हर साल बढ़ जाती है लेकिन आम आदमी पार्टी विश्वास दिलाती है कि किसानों को धान की फसल के लिए बिजली की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री इस पूरे मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं और वह खुद नजर बनाए हुए हैं।

पिछली सरकार ने बंद करवा दिए 6 थर्मल प्लांट
कंग ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने बठिंडा थर्मल प्लांट के 4 यूनिट और रोपड़ के 2 यूनिट बंद करवाकर पंजाब में बिजली पैदा करने के स्रोत खत्म कर दिए जबकि इन प्लांटों से 800 मैगावाट बिजली उत्पन्न होती थी, जिसका खामियाजा अब पंजाब की जनता को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुंद्रा थर्मल प्लांट, जिससे पंजाब समेत 5 राज्यों को बिजली मिलती थी, वह भी वर्ष 2018 से बंद पड़ा है। इस थर्मल प्लांट से पंजाब को 475 मैगावाट बिजली मिलती थी जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया था। 

इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पछवाड़ा में कोयले की खदान जोकि पंजाब को 2001 में अलॉट हुई थी, 2015 से किसी भी सरकार ने चलाने की कोशिश नहीं की। कंग ने कहा कि इस खदान से सालाना 70 लाख मीट्रिक टन कोयला मिलता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खदान को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है। जून के आखिरी हफ्ते तक इस खदान में काम शुरू हो जाएगा। खदान के शुरू होने के उपरांत पंजाब को सस्ता कोयला मिलेगा और सरकार को 500 से 600 करोड़ रुपए की बचत भी होगी।

उन्होंने कहा कि मान सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। सरकार की सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ बात चल रही है। पंजाब को आगामी समय में क्लीन और ग्रीन ऊर्जा मिलने के साथ-साथ भविष्य में पंजाब की जनता को बिजली की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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News Editor

Kalash