पंचायती जमीनें लूटने के सरकारी मंसूबे सफल नहीं होने देगी ‘आप’ : चीमा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2019 - 11:56 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को मांग पत्र देकर पंचायतों की सांझी जमीनों (शामलात) को औद्योगिक इकाइयों के लिए लेने संबंधी कैप्टन अमरेंद्र सरकार के तुगलकी फैसले को रद्द करने की मांग की। नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में विधायक बुद्ध राम, रुपिंद्र कौर रूबी, जै कृष्ण सिंह रोड़ी, मनजीत सिंह बिलासपुर आदि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि फैसले मुताबिक पंचायती जमीन लेने के बाद पी.एस.आई.ई.सी. पंचायतों को पूरा पैसा नहीं देगी। 

सरकार की नीयत और नीति पर यह नुक्ता गंभीर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि पी.एस.आई.ई.सी. सिर्फ 25 प्रतिशत राशि पंचायतों को अदा कर जमीन की 100 प्रतिशत मलकीयत अपने नाम करवा लेगी, बाकी रकम 4 बराबर किस्तों में देगी। सैद्धांतिक फैसले मुताबिक किस्तें खरीद से 2 साल बाद शुरू होंगी। खत्म कब होंगी? इसका कोई हवाला नहीं है। चीमा ने कहा कि पी.एस.आई. ई.सी. पहले ही 1500 करोड़ के प्लॉट घोटाले के आरोपों में घिरी हुई है, जो घोटालेबाज अफसर विजीलैंस ब्यूरो की जांच में आरोपी पाए गए, वह मुख्यमंत्री दफ्तर की छत्र-छाया में अहम पदों पर डटे हुए हैं जिनके द्वारा पंचायती जमीन को औद्योगिक प्रोजैक्टों को बेचने के मंसूबे बनाए जा रहे हैं। पंचायतों के पास जमीन ही न बची तो मनरेगा और विकास योजनाएं खत्म हो जाएंगी। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि कैप्टन सरकार की तरफ से पंचायती जमीनें लूटने की कानून्नन काली संशोधन तुरंत रद्द की जाए। 

‘शिक्षा मंत्री सिंगला को बर्खास्त करें’
आम आदमी पार्टी ने अध्यापकों को अपशब्द बोलने का मुद्दा उठाते हुए शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला को बर्खास्त करने की मांग की। नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में ‘आप’ का शिष्टमंडल राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को मिला और मांगपत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पंजाब को ऐसे ‘बदजुबान, बेलगाम और बेहूदा’ शिक्षा मंत्री की बिल्कुल जरूरत नहीं है। सिंगला ने हर लिहाज से ऊंचे रुतबे की तौहीन की है और वह रुतबे के बिल्कुल काबिल नहीं हैं इसलिए मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए। 

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