दोधी से बना Agent, फिर खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य.. ऐसा था Pearl Group के मालिक का सफर

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 09:39 AM (IST)

चंडीगढ़: जिला रूपनगर के कस्बा बेला के साथ लगते गांव अटारी का रहने वाला निर्मल सिंह भंगू देश में कभी सुर्खियां बटोरेंगे, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था। निर्मल सिंह भंगू पहले साइकिल पर दूध बेचता था। 70 के दशक में वह नौकरी के लिए कोलकाता गया। वहां उसने पीयरलैस कंपनी में कुछ साल काम किया। इसके बाद उसने हरियाणा की एक कंपनी 'गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया' लिमिटेड में काम किया। कंपनी बंद होने के बाद जब वह बेरोजगार हो गया तो उसने भी कंपनी का तरीका अपनाया और 1980 में 'पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट' (पी. जी. एफ.) नामक कंपनी बनाई। इसके बाद उसने पर्ल नाम से कई कंपनियां बनाईं। 

दिल्ली में उसकी कंपनी में काम करने वाले रोपड़ निवासी गुरविंदर सिंह ने बताया कि अंबाला में भी पर्ल ग्रुप का ऑफिस था, जहां एक डायरैक्टर के साथ-साथ काम से जुड़े कई लोग रहते थे। इस ग्रुप में बड़े पदों पर उनके रिश्तेदार ही थे। इसके अलावा उसने कम पढ़े-लिखे लड़के- लड़कियों को डाटा एंट्री पर रखा हुआ था। उसके बचपन के दोस्त पृथ्वी सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह भंगू अपने स्कूल के दिनों में बहुत अच्छा इंसान था। वह सबकी मदद करता था। उसने 10वीं कक्षा तक मेरे साथ पढ़ाई की और बाद में वह चंडीगढ़ चला गया। आगे की पढ़ाई उसने चंडीगढ़ से की। उस दौरान वह एल.आई.सी. का एजेंट बन गया था और वह कभी-कभी अटारी गांव आता था और हमसे मिलता था।

उसके गांव के रहने वाले एक  व्यक्ति ने बताया कि शुरूआती दिनों में निर्मल सिंह भंगू बहुत सरल व्यक्ति था। उसके पिता गुरदयाल सिंह के 3 बेटे थे, जिनमें से बलदेव सिंह और नछत्तर सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। उसकी 2 बहनें हैं, जिनमें से एक विदेश में रहती है। भंगू का पूरा परिवार डेयरी का काम करता था। शुरूआती दिनों में वह खुद साइकिल पर नजदीकी गांव में दूध देने जाता था। वह अपने गांव के हर व्यक्ति से नम्रता से बात करता था। यही वजह है कि वह दोधी से करोड़पति बन गया। आम लोगों से इकट्ठी की गई थोड़ी सी रकम से उसने पर्ल्स ग्रुप का विशाल साम्राज्य खड़ा किया। भंगू ने इस पैसे को विभिन्न कारोबारों में निवेश किया लेकिन वायदे के मुताबिक निवेशकों को पैसा वापस नहीं किया गया। इस कारण लोगों ने कंपनी के खिलाफ शिकायतें करनी शुरू कर दीं। मामले को बढ़ता देख सी.बी.आई. ने इसकी जांच शुरू कर दी थी।


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Vatika

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