DC को मिली अतिरिक्त शक्तियां, प्रदेश सरकार ने जारी किया आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 08:40 AM (IST)

जालंधर (अमित): प्रदेश के समूह डिप्टी कमिश्नरों को पहले से प्राप्त अधिकारों के साथ-साथ अब अतिरिक्त शक्तियां भी प्राप्त हो गई हैं, जिनके अंतर्गत जिला स्तर पर तैनात अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की 
सालाना कारगुजारी अप्रैजल रिपोर्ट (ए.पी.ए.आर.) में सम्बन्धित डी.सी. द्वारा विशेष कथन दर्ज किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंधी आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत अगर कोई विभागीय अथारिटी बिना डी.सी. को ए.पी.ए.आर. भेजे रिपोर्ट देता है तो उसे मुकम्मल नहीं माना जाएगा।


 

क्या है प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश?
सरकार द्वारा जारी आदेशानुसार प्रदेश और केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अलग-अलग भलाई स्कीमों और विकास कार्यों को पूरा करवाने में डी.सी. की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर डी.सी. को जिला स्तर के अधिकारियों की सालाना गुप्त रिपोर्ट में रिमाक्र्स (विशेष कथन) दर्ज करने का अधिकार दिया गया है ताकि उनका विभागीय अफसरों पर मुनासिब कंट्रोल बना रहे और सरकार की स्कीमों को बढिय़ा ढंग के साथ सम्पन्न किया जा सके। प्रदेश सरकार द्वारा 2009 में इस संबंधी एक पत्र जारी किया गया था, मगर यह देखने को मिल रहा था कि इन हिदायतों का सही ढंग से पालन नहीं हो रहा था, जिस वजह से दोबारा आदेश जारी किया गया है।

 

ए.पी.ए.आर. संबंधी क्या होगी समय-सारिणी?
1     संबंधित अधिकारी काडर कंट्रोङ्क्षलग अथारिटी से या पंजाब सरकार की वैबसाइट पर फार्म प्राप्त (डाऊनलोड) करक सैल्फ अप्रेजल भरने के उपरांत कवरिंग लैटर के साथ डी.सी. को बतौर रिपोर्टकत्र्ता अधिकारी कथन रिकार्ड करने के लिए 10 अप्रैल तक भेजा जाएगा।
2    डी.सी. द्वारा बतौर रिपोर्टकत्र्ता अधिकारी 30 मई तक रिमाक्र्स देकर विभागीय रिपोर्टकत्र्ता के पास भेजना होगा।
3     विभागीय रिपोर्टकत्र्ता अधिकारी अपनी रिपोर्ट 30 जून तक मुकम्मल कर रिव्युकत्र्ता अधिकारी के पास भेजेगा।
4 रिव्युकत्र्ता अधिकारी द्वारा 15 अगस्त तक रिपोर्ट रिव्यु की जाएगी।
5 अधिकारी द्वारा 30 सितम्बर तक रिपोर्ट मंजूर की जाएगी और काडर कंट्रोङ्क्षलग अधिकारी के पास भेजी जाएगी।

 

क्या हैं नई गाइडलाइन्स?

जिला प्रमुखों के स्तर पर अधिकारियों की ए.पी.ए.आर. लिखने के लिए विभागीय रिपोर्टकत्र्ता अथारिटी के साथ-साथ डी.सी. भी रिपोटकत्र्ता अथारिटी होंगे। डी.सी. की रिपोर्ट को 30 प्रतिशत और विभागीय रिपोर्टकत्र्ता की रिपोर्ट को 70 प्रतिशत वेटेज दी जाएगी। डी.सी. और विभागीय रिपोर्टकत्र्ता द्वारा दिए गए नंबरों को मिलाकर ही समूची ग्रेडिंग तय की जाएगी। दोनों अधिकारियों के लिए संशोधित परफार्मे भी भेजे गए हैं। अगर कोई अधिकारी एक से अधिक जिलों में तैनात है, तो उसकी ए.पी.ए.आर. उसी जिले के डी.सी. द्वारा लिखी जाएगी, जहां उक्त अधिकारी की सबस्टैंटिव पोस्टिंग होगी। जिन अधिकारियों की ए.पी.ए.आर. पहले ही डी.सी. लिखते हैं, वहां यह हिदायतें लागू नहीं होंगी और पहले वाली हिदायतें ही लागू रहेंगी। डी.सी. द्वारा रिमाक्र्स देने के बाद ही विभागीय रिपोर्टिंग अथारिटी द्वारा अपने कथन दर्ज करके रिव्युकत्र्ता अधिकारी के पास पेश की जाएगी। अगर किसी डी.सी. ने अधिकारी की कारगुजरी निर्धारित तीन महीने के समय के लिए न देखी हो तो डी.सी. द्वारा उक्त रिपोर्ट नहीं लिखी जाएगी और ऐसे केस में विभागीय रिपोर्टकत्र्ता अथारिटी द्वारा 70 नंबर की रिपोर्ट को ही 100 प्रतिशत वेटेज देकर दर्ज किया जाएगा। उक्त हिदायतें और संशोधित परफार्मा 2017-18 और उसके बाद की रिपोर्टों पर ही लागू होगा।
  
 

Sonia Goswami