श्री अकाल तख्त साहिब के मुद्दों को लेकर बोले SGPC अध्यक्ष एडवोकेट धामी

punjabkesari.in Friday, Nov 01, 2024 - 08:34 PM (IST)

जैतो (रघुनंदन पराशर) : श्री अकाल तख्त साहिब तक पहुंचने वाले मुद्दों को लेकर शिरोमणि कमेटी की पिछली आम बैठक के दौरान गठित 11 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी का बयान सामने आया है। हरजिंदर धामी ने कहा कि कुछ लोग जान बूझकर गलतफहमियां पैदा कर रहे हैं। जबकि इस बोर्ड का उद्देश्य पूर्व से लगातार चल रही धार्मिक सलाहकार समिति का विस्तार करना है। उन्होंने कहा कि फिर भी शिरोमणि कमेटी ने इस प्रस्ताव में सिख विद्वानों की राय से विवरण दिया है, ताकि कोई संदेह न रहे। प्रस्ताव के संदर्भ में उन्होंने कहा कि समय-समय पर देश-विदेश से कई धार्मिक प्रश्न श्री अकाल तख्त साहिब के पास आते हैं और यह बोर्ड गुरमत एवं सिख रेहित मर्यादा के आलोक में उनका समाधान करेगा।

सलाहकार बोर्ड पूरी तरह से श्री अकाल तख्त साहिब की छत्रछाया और दिशा निर्देशों के तहत काम करेगा। जो छोटे और सामान्य मुद्दे बार-बार दोहराए जाते हैं, उन्हें अकाल तख्त साहिब सचिवालय द्वारा स्पष्टीकरण के लिए इस सलाहकार बोर्ड के पास भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्ताव के अनुसार, प्राचीन परंपरा के अनुसार, स्थानीय गुरुसंगत के निर्णयों के खिलाफ किसी भी मुद्दे या अपील की सुनवाई सीधे श्री अकाल तख्त साहिब में की जाएगी।

एडवोकेट धामी ने कहा कि धार्मिक सलाहकार बोर्ड के सदस्यों को नामजद करने के अधिकार के संबंध में चर्चा भी तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि इस बोर्ड में केवल विद्वानों को ही शामिल किया जाना है और विद्वानों सभी के है, किसी एक पक्ष का नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा 5 सदस्यीय सलाहकार समिति के 2 सदस्य अक्सर विदेश में रहते हैं, जिसके कारण बैठकों में कठिनाई होती है और अब 11 सदस्यों के जुड़ने से यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 11 सदस्यों का नामांकन भी सिंह साहिबों की राय से किया जाएगा और मामले जत्थेदार साहिब द्वारा इस बोर्ड में विचार के लिए भेजे जाएंगे। कोई भी मामला सीधे उनके पास नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सर्वोच्च एवं स्वतंत्र अस्तित्व का प्रतीक है, जिसमें कोई भी किसी किस्म का दाखिल नहीं हो सकता।

इस अवसर पर सिख विद्वान ड़ॉ. इंद्रजीत सिंह गोगोआनी और डॉ. अमरजीत सिंह ने कहा कि धार्मिक सलाहकार समिति 1990 से चल रही है और वह लंबे समय तक इसके सदस्य रहे हैं। इस समिति की कार्यशैली कभी भी जत्थेदार साहिबों के निर्णयों में हस्तक्षेप करने की नहीं रही है, बल्कि यह मामलों के समाधान में स्पष्टता के लिए काम करती है। डॉ. गोगोआनी ने कहा कि ऐसी समितियां अक्सर बनती रहती हैं। पुस्तक खोज पर एक समिति का गठन किया गया है और धार्मिक जांच और पूछताछ का एक विभाग भी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब सिख पूरी दुनिया में फैले हुए हैं और अनेक मुद्दों को देखते हुए ऐसे सलाहकार बोर्ड की स्थापना समय की मांग है। इस अवसर पर धर्म प्रचार समिति के सदस्य भाई अजायब सिंह अभ्यासकर्ता, सिख विद्वान डॉ. इंद्रजीत सिंह गोगोआनी, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. सूबा सिंह, प्रिंसिपल मंजीत कौर, सचिव स. प्रताप सिंह,  सतबीर सिंह धामी,  बलविंदर सिंह काहलवां, अतिरिक्त सचिव प्रितपाल सिंह, निजी सचिव शाहबाज सिंह, उप सचिव जसविंदर सिंह जस्सी, हरभजन सिंह वक्ता, मैनेजर भगवंत सिंह धंगेरा, अधीक्षक निशान सिंह आदि मौजूद थे।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here   


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kamini

Related News