सर्वदलीय बैठक में कृषि ऑर्डीनैंस के खिलाफ प्रस्ताव पारित, भाजपा ने किया विरोध
punjabkesari.in Thursday, Jun 25, 2020 - 09:17 AM (IST)
चंडीगढ़/जालंधर (अश्वनी/धवन): पंजाब सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बुधवार को केंद्र सरकार के कृषि ऑर्डीनैंस के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। भाजपा ने इस प्रस्ताव का खुले तौर पर विरोध किया, जबकि शिरोमणि अकाली दल ने समर्थन मूल्य खत्म नहीं करने व ए.पी.एम.सी. में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने की हिमायत की। साथ ही, प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री के पास प्रतिनिधिमंडल भेजने का भी समर्थन किया है।
In All-Party Meeting called on Agricultural Marketing Ordinances as well as #Covid19. Began with a two-minute silence as tribute to our brave soldiers killed in action at the LAC in Ladakh. pic.twitter.com/JvO8kbBzIU
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 24, 2020
प्रस्ताव में पढ़ा गया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सभी राजनीतिक पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री से मिलकर किसान विरोधी कानून के खिलाफ एतराज जताएगा और अपील करेगा कि लोक हित के लिए इसे वापस लिया जाए। खेतीबाड़ी और मंडीकरण की सातवीं सूची अधीन राज्य के विषय हैं और मौजूदा ऑर्डीनैंस संविधान में दर्ज सहकारी संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है। हालांकि शिअद ने कहा कि वह इसे संघीय ढांचे के भावना के खिलाफ बताने से पहले कानूनी मशविरे की मांग करेगी। 5 घंटे चली इस वीडियो कांफ्रैंसिंग में प्रस्ताव पारित के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि मामलों में केंद्र सरकार को दखल देने का कोई हक नहीं है। उधर पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इस ऑर्डीनैंस को किसान हितैषी बताते हुए समर्थन मूल्य खत्म करने से इंकार किया। उन्होंने दावा किया कि एम.एस.पी. स्थाई है। वहीं, सी.पी.आई. के राज्य सचिव बंत सिंह बराड़, सी.पी.आई.(एम) के प्रदेश सचिव सुखविंद्र सिंह सेखों, बसपा के प्रदेशाध्यक्ष जसवीर सिंह गड़ी ने भी ऑर्डीनैंस को किसान विरोधी बताया। अकाली दल टकसाली के नेता व राज्यसभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा किसानों के हित की बात की है लेकिन यह ऑर्डीनैंस अधिकारों में सेंधमारी करने की योजना है।
जाखड़ ने भी उठाए सवाल
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि ऑर्डीनैंस की शब्दावली कई तरह के सवाल खड़े करती है। उन्होंने ऑर्डीनैंस के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह उस समय लाया गया है जब चीन से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और आर्थिक स्थिति डांवाडोल है।
ऑर्डीनैंस में कोई गारंटी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यह ऑर्डीनैंस में कम से कम समर्थन मूल्य की व्यवस्था का अंत नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमें जी.एस.टी. की अदायगी करने की भी गारंटी दी गई थी लेकिन हम इस राशि आज भी इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर मंडी बोर्ड के पास पैसा नहीं होगा तो ग्रामीण इलाकों का विकास कैसे होगा।