पंजाब के कई जिलों में एयर क्वालिटी इंडैक्स 500 के पार, प्रदूषण फैलाने में दिल्ली को भी पछाड़ा
punjabkesari.in Monday, Nov 16, 2020 - 09:21 AM (IST)
लुधियाना(सलूजा, बहल): दीवाली की रात पंजाब के बड़े शहरों जालंधर, लुधियाना और अमृतसर में लोगों द्वारा चलाए गए पटाखों का असर रविवार को इन शहरों की हवा पर साफ नजर आया।
रविवार को राज्य के तीनों बड़े शहरों की हवा में पी.एम. 2.5 और पी.एम. 10 का स्तर 500 के स्तर को भी छू गया। हालांकि इन शहरों में औसतन एयर क्वालिटी इंडैक्स 400 से नीचे रहा लेकिन यह हवा भी सांस लेने योग्य नहीं है और ऐसे वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों को खास तौर पर समस्या हो सकती है। लिहाजा अगले कुछ दिनों तक बच्चों और बुजुर्गों को घर पर ही रहना चाहिए।
पाबंदी के बावजूद रात 2 बजे तक चले पटाखे
दीपावली पर्व पर सरकार द्वारा पटाखों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कई पाबंदियां लगाने के बावजूद लुधियाना सहित कई शहरों में देर रात 2 बजे तक लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और पटाखे चलाए गए। जिसके चलते प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर से पार हो गया और लुधियाना में देर रात एयर क्वालिटी इंडैक्स 500 के स्तर पर पहुंच गया। प्रदूषण से फैले जहरीले धुएं से लोगों को आंखों की जलन के साथ सांस लेने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। आलम यह रहा कि लुधियाना में इतने ज्यादा पटाखे चलने के कारण राजधानी दिल्ली में दीपावली पर ए.क्यू.आई. 421 के स्तर को भी लुधियाना पीछे छोड़ गया।
दीवाली और पराली का प्रदूषण अस्थाई : डॉ. आजाद
दीवाली और पराली के चलाने पर होने वाला प्रदूषण अस्थायी है, यह और बात है कि सरकार इस अस्थायी प्रदूषण पर काबू पाने के लिए भी ढंग से काम नहीं कर सकी। यह कहना है गैर सरकारी संस्था खेती विरासत मिशन के निदेशक खोज एवं स्वास्थ्य विभाग से एस.एम.ओ. के पद से रिटायर हुए डॉ. अमर सिंह आजाद एम.डी. का। उन्होंने कहा कि दीवाली हो या पराली सरकार लोगों को समझाने में विफल रही है। सरकार स्थायी प्रदूषण के बारे में भी सदैव उदासीन ही रही है। स्थायी प्रदूषण वाहनों और इंडस्ट्री के धुएं से पैदा होता है जिस पर कोई गौर नहीं करता जबकि यह प्रदूषण लोगों की सेहत पर निरंतर बुरा असर डालता है।
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एस.ई. इंजीनियर संदीप बहल ने बताया कि पटाखों के बाद ए.क्यू.आई. 358 रिकार्ड किया गया जबकि बारिश के बाद 340 ए.क्यू.आई. रहा। इसमें नामात्र ही सुधार देखने को मिला। उन्होंने बताया कि 50 से नीचे एयर क्वालिटी इंडैक्स हो तो हम उसको स्वच्छ वातावरण मानते हैं।
एयर क्वालिटी इंडैक्स
8 नवम्बर | 15 नवम्बर | |
लुधियाना | 328 | 340 |
जालंधर | 282 | 320 |
अमृतसर | 341 | 368 |
पटियाला | 286 | 256 |
बठिंडा | 129 | 353 |