प्रधानमंत्री की मलोट रैली के लिए अकाली-भाजपा ने झोंकी ताकत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 11, 2018 - 12:38 PM (IST)

मलोट: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) तथा हरियाणा और पंजाब भाजपा ने मुक्तसर जिले के मलोट में कल होने वाली धन्यवाद रैली के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 

अकाली-भाजपा ने झोंकी ताकत  
शिअद के प्रवक्ता डा. दलजीत चीमा ने आज मलोट में रैली स्थल से फोन पर यूनीवार्ता को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई  हैं। मोदी दिल्ली से बुठिंडा एयरपोर्ट पर उतरेंगे तथा वहां से सीधे सड़क मार्ग से मलोट रैली में पहुंचेंगे। रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पहुंचने की संभावना है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल रैली का नेतृत्व करेंगे तथा मोदी मुख्य अतिथि होंगे। इस मौके पर तीनों राज्यों के भाजपा नेता भी मौजूद होंगे। उधर केंद्र सरकार द्वारा खरीफ फसलों के दामों में वृद्धि को लेकर प्रधानमंत्री के सम्मान में मलोट में कल धन्यवाद रैली में भीड़ को लेकर हरियाणा भाजपा ने ताकत झोंक दी है। 
 

इन राज्यों से जुटाई जाएगी भीड़
पंजाब प्रांत के साथ लगते सिरसा, फतेहाबाद व हिसार जिलों से इस रैली में भीड़ जुटाई जा रही है। राजस्थान के जयपुर में प्रधानमंत्री की रैली के फ्लॉप रहने के बाद यह रैली आयोजित की जा रही है। जयपुर रैली में कम भीड़ जुटने के कारण राजे सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। पंजाब भाजपा-शिअद की ओर से सयुंक्त तौर पर धन्यवाद रैली में भीड़ के लिहाज से कामयाबी को लेकर पंजाब इकाई ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सहयोग मांगा है। मुख्यमंत्री ने अपने करीबी व विश्वासपात्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी की सिरसा में विशेष ड्यूटी लगाई है। बेदी पिछले चार दिन से सिरसा के विभिन्न बड़े गावों व कस्बों में जाकर इस रैली का प्रचार कर रहे हैं। 


2019 के लोकसभा चुनाव का होगा फैसला
भाजपा के एक पदाधिकारी के अनुसार तीनों सिरसा, फतेहाबाद व हिसार जिलों सेे करीब 500 बसों का काफिला भीड़ को लेकर मलोट जाएगा। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में हरियाणा में भाजपा सरकार से सहयोग लिया जा रहा है। पंजाब का मलोट हरियाणा व राजस्थान दोनों ही राज्यों से सटा है। मोदी की रैली भीड़ के लिहाज से कामयाब नहीं होती तो राजस्थान व हरियाणा मेें अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव पर विपरीत असर जा सकता है। इन तीनों राज्यों की राजनीति का एक दूसरे पर पूरा प्रभाव माना जाता है। पंजाब में कर्ज तले दबे किसानों की आत्महत्याओं के बारे में कई किसान जत्थेबंदियां सक्रिय है जो प्रधानमंत्री की रैली के आयोजन में भीड़ के लिहाज से विरोध खड़ा कर सकती हैं। ऐसे में पंजाब भाजपा प्रधानमंत्री की रैली को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़कर हरियाणा में सत्तारूढ़ दल भाजपा का पूरा लाभ लेना चाह रही है। 
 

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