शिअद ने फिर पकड़ा पंथक राजनीति का ट्रैक

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 12:00 PM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): शिरोमणि अकाली दल 2017 के विधानसभा और हालिया लोकसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन को लेकर काफी चिंतित है। नतीजों के बाद हुई विभिन्न स्तर की रिव्यू बैठकों में पंथक वोट बैंक के अकाली दल से दूर होने पर मंथन हुआ है। इसी का नतीजा है कि पार्टी की तरफ से किसी समय 10 हिंदू चेहरों को जितवाकर लाने वाले शिअद नेता अब फिर पंथक मुद्दों पर पूरा व जरूरी ध्यान देना शुरू कर चुके हैं। हर उस मुद्दे पर शिअद प्रधान की शमूलियत दिखाई पड़ रही है, जिसका किसी भी तरीके से संबंध पंथ यानी सिखों से है। फिर भले ही वह शिलांग में पंजाबी सिख परिवारों को उजाड़ने का मामला हो या फिर दिल्ली में सिख कैब ड्राइवर के साथ मारपीट का।

हर मामले में आवाज बुलंद कर रहे हैं सुखबीर
शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल हर मामले में आवाज बुलंद करते नजर आ रहे हैं।  इसे शिअद-भाजपा सरकार के समय बरगाड़ी में हुई घटनाओं से पंथक वोट बैंक के हुए नुक्सान की पूर्ति करने का प्रयास भी कहा जा रहा है। इस सब में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भी एक्टिव रखा जा रहा है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी दबदबा बनाया जा सके।  

चुनाव के बाद हर पंजाबी मुद्दे पर दर्ज कराई उपस्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हुई बैठकों के बाद से अब तक शिरोमणि अकाली दल नेताओं ने कई पंथक मुद्दों को लेकर न सिर्फ मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है, बल्कि सिख पंथ के लंबित मुद्दे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाए हैं, जिनमें से कई पर कार्रवाई शुरू होने का दावा भी किया है। इनमें मौजूदा समय में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल होने व हिंसक भीड़ का नेतृत्व करने संबंधी लगे आरोपों का मामला भी शामिल है। इस मामले में शिअद नेताओं की शिकायत का संज्ञान भी लिया गया और दंगों की जांच कर रही स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम को भी मामला भेजा गया। इसे शिअद नेताओं ने ‘कांग्रेस’ के खिलाफ सिख पंथ की बड़ी लड़ाई की एक छोटी जीत करार दिया है। 

केंद्र ने 365 सिखों को मुआवजा देने पर जताई सहमति
इसी तरह शिरोमणि अकाली दल द्वारा मोदी 2.0 सरकार बनने के बाद ऑप्रेशन ब्ल्यू स्टार के समय श्री हरिमंदिर साहिब कॉम्पलैक्स में से पकड़कर जोधपुर जेल में बंद किए 365 सिखों को मुआवजा दिए जाने की अपील का मामला भी पंथ से ही जुड़ा है। शिअद ने दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन 365 सिखों को मुआवजा देने के मामले पर विचार करने पर सहमति जता दी है। वहीं शिअद का दावा है कि उनके प्रतिनिधिमंडल की अपील पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर से उजाड़े गए सिख परिवारों को जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग पर सहमति दी है। 

शिलांग में भेजा दिल्ली शिअद का प्रतिनिधिमंडल
इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल द्वारा पंजाब के पूर्व सी.एम. बेअंत सिंह की हत्या के मामले में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा कम करके उम्रकैद में तबदील करवाने, देश की विभिन्न जेलों में बंदी सिखों की रिहाई के लिए एक कमेटी बनाने तथा धर्मी फौजियों को मुआवजा दिए जाने का अनुरोध शामिल है, पर भी बात की गई है। हाल ही में शिलांग में फिर से उठे पंजाबी परिवारों को उजाडऩे संबंधी मामले में शिअद द्वारा बाकायदा अपनी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ भेजा गया। वहीं लुधियाना के सहारन गांव निवासी हरजीत सिंह के 1993 में हुए झूठे पुलिस मुकाबले में 4 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद की मिली सजा की माफी पर शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल लगातार इस मामले पर अपना व शिअद का पक्ष रखकर खुद को पीड़ित परिवार के साथ खड़ा दिखाने के प्रयास में हैं, ताकि भावनात्मक रूप से सिखों के साथ जुड़े ‘फेक एनकाऊंटर’ जैसे मामले में वह पंथक वोट बैंक की हमदर्दी ले सकें।


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