शाह से मिला अकाली दल का वफदःगुरु तेग बहादुर की याद में राष्ट्रीय एकता यादगार स्थापित करने की मांग

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 08:44 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि 9वें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व देशभर में शानो-शौकत से मनाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समागम कमेटी का गठन किया जाए।

अकाली प्रतिनिधिमंडल जिसमें वरिष्ठ अकाली लीडरशिप के अलावा शिरोमणि कमेटी तथा दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष तथा तख्त श्री हजूर साहिब तथा तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार साहिबान भी शामिल थे, ने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि वह व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करके बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा माफ करवाएं तथा उनकी शीघ्र रिहाई करवाएं। 

अकाली प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से 12 अप्रैल 2020 को आगामी श्री गुरु तेग बहादुर जी के 399वें प्रकाश पर्व के बारे अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि यह पवित्र अवसर दमन तथा अत्याचार के खिलाफ असहायों की रक्षा करने की भावना का प्रतीक है। गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक कट्टरता तथा साम्प्रदायिक घृणा के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी थी। गुरु साहिब जी उन असहाय कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए आगे आए थे, जिनका बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था। 

सुखबीर सिंह बादल ने अनुरोध किया कि केंद्र सरकार, गुरु साहिब को सच्ची श्रद्धांजलि के तौर पर शताब्दी जश्नों को शानो-शौकत से मनाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समागम  कमेटी का गठन करे। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि गुरु साहिब की याद में दिल्ली में एक राष्ट्रीय एकता यादगार स्थापित की जाए तथा इस पवित्र दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा की जाए। केंद्रीय मंत्री से राजोआना का मामला उठाते हुए अकाली प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राजोआना बिना किसी पैरोल के 24 साल का कारावास काट चुका है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत एस.जी.पी.सी. द्वारा 25 अप्रैल 2012 को राष्ट्रपति के पास दया याचिका का अनुरोध किया था, जिसकी सुनवाई होनी बाकी है। 

एस.जी.पी.सी. को ननकाना साहिब जाने की आज्ञा न देने का मुद्दा उठाया 

सुखबीर ने एस.जी.पी.सी. के प्रतिनिधिमंडल को ननकाना साहिब जाने की आज्ञा न दिए जाने का मुद्दा भी उठाया, जो गुरुद्वारा जन्म अस्थान पर हुए हमले तथा सिखों पर हो रहे अत्याचारों के मामलों की पड़ताल करने के लिए प्रभावित इलाकों का दौरान करना चाहता है। उन्होंने गृह मंत्री को यह मामला पाकिस्तानी अधिकारियों के पास उठाने तथा पाकिस्तान सरकार को सिखों तथा बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में जत्थेदार गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल, बलविंद्र सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, चरनजीत सिंह अटवाल, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, डा. दलजीत सिंह चीमा, सिकंदर सिंह मलूका, गुलजार सिंह रणीके, शरनजीत सिंह ढिल्लों, बीबी जागीर कौर, सुरजीत सिंह रखड़ा, मनजिंद्र सिंह सिरसा, अवतार सिंह हित व हरमीत सिंह कालका शामिल थे।


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