अकाली दल के नेताओं पर भड़की राजोआना की बहन, पढ़े पूरी खबर

punjabkesari.in Thursday, Jul 19, 2018 - 07:21 PM (IST)

पटियाला(जोसन): पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह कत्ल मामले में पटियाला जेल में लंबे समय से बंद भाई बलवंत सिंह राजोआना जो कि पिछले चार दिनों से अघोषित समय के लिए भूख हड़ताल अभी भी जारी है। उनकी बहन बीबी कमलदीप कौर ने मुलाकात करने उपरांत मीडिया के साथ बातचीत करते कहा कि सिख नेताओं के पास राजोआना को मिलने का नहीं बल्कि जन्म दिन मनाने का समय है। 

उन्होंने कहा कि बीते दिनों जो सिख नेताओं का वफद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को मिलने गया था, वह उस के बाद सीधा दिल्ली के एक सिख नेता के जन्म दिन में पहुंच गए, जब कि वह आज तक राजोआना को मिलने नहीं आए। यहां तक कि एस.जी.पी.सी की तरफ से हमारे साथ कोई बातचीत नहीं की गई। बीबी कमलदीप कौर ने कहा कहा राजोआना के हालात काफी नाजुक हो गए हैं और उनका 5 किलो भार भी कम हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कोई फैसला नहीं आता यह भूख हड़ताल जारी रहेगी। इस दौरान बीबी ने बोलते यह भी कहा कि रवनीत बिट्टू इस मामले की राजनीति न करें। 

उन्होंने यह भी कहा कि पहले यह कहा जा रहा था कि राजनाथ सिंह को मिलने के लिए अकाली से स. सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल जाएंगे, परन्तु वह बिल्कुल भी शामिल नहीं हुए। बताने योग्य है कि मरहूम मुख्यमंत्री बेअंत सिंह कत्ल मामले में फांसी की सजा याफता पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना द्वारा आज चौथे दिन भी जेल अंदर भूख हड़ताल जारी रखी। उधर सरबत्त खालसा की तरफ से स्थापित किए जत्थेदारों ने भी भाई राजोआना के संघर्ष की हिमायत का ऐलान कर दिया है। 

बताने योग्य है कि राजोआना इस बात से खफा है कि शिरोमणि कमेटी द्वारा उसकी राष्ट्रपति के पास पड़ी रहम की अपील का निर्णय कराने के लिए सही तरीके से पैरवाई नहीं कर रही। जिक्रयोग्य है कि बलवंत सिंह राजोआना मरहूम मुख्यमंत्री बेअंत सिंह कत्ल कांड में फांसी की सजा भुगत रहे हैं। उनको 31 जुलाई 2007 को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद चंडीगढ़ सैशन कोर्ट ने मार्च में डैत्थ वारंट जारी करके 31 मार्च 2012 को राजोआना को फांसी देने के हुक्म सुनाए थे। इस दौरान हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर राजोआना की फांसी विरुद्ध तीखा रोष प्रदर्शन किया था। उस समय शिरोमणि कमेटी ने राष्ट्रपति के पास अपील दायर करके राजोआना की फांसी पर रोक लगाते फांसी की सजा को उम्र कैद में तबदील करने की मांग की थी।

इस अपील पर सुनवाई करते उस समय के राष्ट्रपति ने राजोआना की फांसी पर रोक लगाकर यह अपील आगे वाली कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दी थी। अपने पत्र के द्वारा भाई राजोआना के कहने मुताबिक उस समय से अब तक यानि कि 6 साल 4 महीने से यह अपील गृह मंत्रालय के पास विचाराधीन है। राजोआना ने कहा कि मेरे तरफ से कई बार विनती करने के बाद भी शिरोमणि कमेटी इस अपील की पैरवाई करने से मुनकर हो रही है। राजोआना ने शिरोमणि कमेटी और अकाली दल पर समूचे खालसा पंथ की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का दोष भी लगाया था।

Vaneet