मजीठिया खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद अकाली दल ने लगाया DC दफ्तर बाहर धरना

punjabkesari.in Friday, Dec 24, 2021 - 02:31 PM (IST)

जालंधर (राहुल, सोनू): अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व कैबनिट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर ड्रग मामले में दर्ज की गई एफ.आई.आर. खिलाफ जालंधर में आज शिरोमणि अकाली दल की तरफ से बड़ा इकट्ठ करके सरकार खिलाफ प्रदर्शन किया गया। जालंधर इकाई की समूची लीडरशिप ने आज डी.सी. दफ्तर बाहर धरना दिया। आज सुबह ही जिला मैजिस्ट्रेट ने जालंधर में 5 से अधिक इकट्ठ करने पर पाबंदी लगाई है और बिना आज्ञा किसी तरह का भी इकट्ठ करने की परमीशन नहीं दी। वहीं शिरोमणि अकाली दल का दावा है कि 49 पेजों की एफ.आई.आर. में कहीं भी बिक्रम मजीठिया को दोषी नहीं पाया गया। सिर्फ आगे वाली जांच की ही बात की हुई है। एस.टी.एफ. के प्रमुख हरप्रीत सिद्धू की तरफ से भी यही कहा गया था परन्तु चन्नी सरकार ने बदलाखोरी के अंतर्गत और राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह झूठा पर्चा दर्ज किया।

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यहां बता दें कि 9 वर्ष पहले के 6 हजार करोड़ के ड्रग केस में बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम नामजद होने को लेकर उनके खिलाफ बीते दिनों पंजाब सरकार की तरफ से एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। वहीं इस मामले में पंजाब पुलिस ने मजीठिया के विदेश जाने का रास्ता भी बंद कर दिया है। पंजाब पुलिस की विनती पर केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से लुक आउट सर्कुलर (एल.ओ.सी.) जारी किया गया है। अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी किए जाने के दावे कर रही पंजाब पुलिस की तरफ से मजीठिया के विदेश भागने की भी शंका जताई गई है। इस शंका के अंतर्गत पंजाब पुलिस की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्रालय को विनती की गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय के ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन की तरफ से अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया गया हे। इस संबंधी गृह मंत्रालय की तरफ से पंजाब पुलिस के ए.डी.जी.पी. इंटेलिजेंस को भी सूचना भेज दी गई है।

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वहीं इस मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया ने आगामी जमानत के लिए मोहाली अदालत में अर्जी दायर की है। इस अर्जी में कहा गया है कि पुलिस के पास मजीठिया खिलाफ कोई सबूत नहीं है और यह मामला गलत ढंग के साथ दर्ज किया गया है। मतदान नजदीक होने के कारण मजीठिया को फंसाने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। बीते दिन दोपहर समय मजीठिया की जमानत अर्जी पर मोहाली के अधिक और जिला सेशन जज सन्दीप कुमार सिंगला की अदालत में सुनवाई हुई थी। इस दौरान सरकारी वकील और बचाव पक्ष के वकीलों में जबरदस्त बहस हुई थी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों सुनने के बाद फैसला आरक्षित रख लिया है। 

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News Editor

Urmila