सुखबीर ने जिनका इस्तीफा स्वीकारा, बड़े बादल ने उन्हें मनाकर पार्टी छोडऩे से रोका

punjabkesari.in Friday, Jan 18, 2019 - 10:25 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): प्रकाश सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल को जिन नीतियों से खड़ा किया और जिस नरमदिली से पार्टी का कद बड़ा किया है, उसे अगली पीढ़ी अपनाने में विफल साबित हो रही है। इसका सबूत गत दिवस लुधियाना में देखने को मिला जहां सीनियर बादल ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने को तैयार बैठे 4 अकाली नेताओं में से 2 को मनाकर कांग्रेस में जाने से रोकने में सफलता हासिल की। प्रकाश सिंह बादल की इस डैमेज कंट्रोल की नीति से लुधियाना में बादल चर्चा में आ गए हैं।

जानकारों की मानें तो गत दिनों प्रकाश सिंह बादल ने अपने लुधियाना दौरे के दौरान पार्षदों निर्मल सिंह संधू और राजिंद्र सिंह राजू मान के साथ बंद कमरे में बैठक करके उनकी नाराजगी दूर की तथा उन्हें पार्टी न छोडऩे पर सहमत किया। अकाली सूत्रों की मानें तो 2 अन्य अकाली नेता पार्षद हरनाम सिंह और बलजीत सिंह को मनाने में बड़े बादल असफल रहे हैं। लुधियाना के अकाली सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले सुखबीर बादल और हरसिमरत बादल लुधियाना में कुछ कांग्रेसी नेताओं को अकाली दल में शामिल करने के लिए पहुंचे थे पर लुधियाना के अकाली नेताओं ने इस बात का विरोध किया था कि उक्त कांग्रेसियों ने अकाली दल का काफी नुक्सान किया है और उन्हें पार्टी में शामिल करने से पहले लोकल अकाली नेताओं को विश्वास में नहीं लिया गया।

इसके विरोध में इन अकाली नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अकाली दल में पी.ए. कल्चर बढ़ गया है। सुखबीर और हरसिमरत ने इन अकाली नेताओं के विरोध की परवाह किए बगैर कांग्रेसी नेताओं को अकाली दल में शामिल किया था। इसके बाद इन नेताओं ने इस्तीफे देने का ऐलान किया जिसे सुखबीर और हरसिमरत ने मुंहजुबानी स्वीकार भी कर लिया लेकिन अकाली दल पार्टी को टूटते बड़े बादल नहीं देख पाए इसलिए खास तौर पर लुधियाना में नाराज पार्षदों को मनाने पहुंचे और 4 में से 2 नेताओं को मनाने में सफल रहे। प्रकाश सिंह बादल से मिलने के बाद इन दोनों नेताओं निर्मल संधू व राजिंद्र सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ नाराजगी खत्म हो गई है और वे अब पार्टी नहीं छोडेंग़े। 

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