अकाली दल ने मजीठिया की जान को बताया खतरा, ADGP को लेकर कही यह बात

punjabkesari.in Tuesday, Jun 07, 2022 - 09:14 PM (IST)

चंडीगढ़ (ब्यूरो): शिरोमणि अकाली दल ने आज कहा कि पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की जान को जेल में गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिद्धू की नियुक्ति इसीलिए की गई ताकि मजीठिया को एक ओर झूठे केस में फंसाया जा सके। इस मामले को लेकर बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी और मजीठा हलके से विधायका की तरफ से डी.जी.पी. को पत्र लिखा गया जिसकी कापी मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी भेजी गई है। इस बात का हवाला देते अकाली दल के सीनियर नेता महेश इन्द्र सिंह ग्रेवाल और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने मांग की है कि  ए.डी.जी.पी.सिद्धू को जेलों के ओहदे से तुरंत हटाया जाए और मामलो में अपेक्षित कार्रवाई की जाए।

इन नेताओं ने कहा कि मजीठिया के परिवार के मन और अकाली दल के मन में यह अंदेशा है कि हरप्रीत सिद्धू की नियुक्ति इसलिए की गई कि मजीठिया पर झूठे केस डाले सके। सिद्धू एक नाकाबिल अफसर हैं, जिसको समय की सरकारों ने मजीठिया खिलाफ इस्तेमाल किया और अब भी सिद्धू की नियुक्ति आम आदमी पार्टी सरकार ने सिर्फ मजीठिया को एक ओर मामले में फंसाने के लिए की है। अकाली नेताओं ने कहा कि मजीठिया और हरप्रीत सिद्धू के परिवार के बीच काफी दुश्मनी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सिद्धू मजीठिया के नजदीकी रिश्तेदार हैं और पुलिस अफसर की माता व मजीठिया की चाची सगी बहने थीं। सिद्धू का परिवार मजीठिया की चाची की मौत के लिए उनको जिम्मेदार मानता है। उन्होंने कहा कि दुश्मनी का पता यहां से भी लगता है कि जब मजीठिया के दादा सिद्धू के पिता को मिलने गए तो उनके पिता ने आगे से उन पर गोली चला दी।

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी यह माना था कि दोनों के रिश्ते खराब हैं और इनमें दुश्मनी बहुत ज़्यादा है, इसलिए हाईकोर्ट ने हरप्रीत सिद्धू को मजीठिया खिलाफ जांच करने से रोका था। ग्रेवाल और डॉ. चीमा ने कहा कि जब हाईकोर्ट ने सिद्धू की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की तो सिद्धू ने सीलबंद रिपोर्ट मजीठिया के राजनीतिक विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू को दे दी। अकाली नेताओं ने बताया कि कांग्रेस सरकार के आखिरी दिनों में सिद्धू ने अपनी मनघड़त रिपोर्ट डी.जी.पी. को दे दी और मजीठिया के खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट की अलग-अलग धाराओं पर झूठा केस दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद भी सिद्धू मामलों में दखल देते रहे और उन 8 मार्च को आम आदमी पार्टी सरकार को चिट्ठी लिखी, जिस के आधार पर एस.आई.टी. का पुनर्गठन किया गया। सिद्धू की हिदायतें को एस.आई.टी. आदेशों के तौर पर मानती है और सीधा उनको रिपोर्ट करती है।

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News Editor

Kamini

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