अकाली सरकार जाते ही  युवा नेताओं के नाक में दम,नहीं मिल रहा दाना-पानी

punjabkesari.in Saturday, May 19, 2018 - 08:53 AM (IST)

जालंधर : यूथ अकाली दल, जिसको  पार्टी का हरियावल दस्ता कहा जाता है, इन दिनों सूखता जा रहा है। इसे न तो कोई पैसे का पानी डाल रहा है और न ही रोजगार के फल  लग रहे हैं। मामले बारे युवा अकाली दल के निराश वर्करों ने बताया कि जो नेता सुखबीर और मजीठिया के करीबी हैं, उन्होंने तो पिछले 10 साल माइनिंग व अन्य कई तरीकों से खूब नोट छापे पर जो निचले कैडर के युवा वर्कर थे, उनके पल्ले कुछ नहीं पड़ा।  


युवा प्रधान ने कांग्रेसी पार्षद से मांगी 10-15 हजार की नौकरी 
जानकारों की मानें तो अकाली सरकार के दौरान भी युवा अकाली नेताओं को आखिरी दौर में जाकर पोस्टें दी गई थीं जबकि 9 साल बेचारे अपनी जेब से खर्चा कर पार्टी के लिए दिन-रात सेवा करते रहे। इतना ही नहीं कई युवा वर्करों ने तो पार्टी के लिए काम करते-करते कर्जे तक लिए, जिन्हें बाद में पार्टी ने ठेंगा दिखाकर साइड में कर दिया। कइयों ने दूसरी पाॢटयों के बड़े पद छोड़े पर कुछ पल्ले न पड़ा। अपनी सरकार के दौरान फिर भी युवाओं की किसी ने कोई सार नहीं ली पर गत डेढ़ साल में तो इनका हाल बेहाल हुआ पड़ा है। 
सूत्रों की मानें तो एक जिले का युवा प्रधान तो इस कदर बेहाल हो गया कि वह इन दिनों 10-15 हजार रुपए की प्राइवेट नौकरी ढूंढ रहा है। उसने एक कांग्रेसी पार्षद से कहा कि अकाली दल में उसकी फूक निकल गई है, प्लीज उसे कोई नौकरी ढूंढ दो। 

 

सैल्फियों ने मार दी युवा अकालियों की मत!
उक्त निराश नेताओं ने कहा कि बड़े युवा अकाली नेता जो हाईकमान के नजदीक थे, उन्होंने तो अपनी प्रापॢटयां, फार्म हाऊस, शोरूम बना लिए पर जो निचले आम युवा नेता थे उनका दिमाग तो सैल्फियों ने खराब कर दिया। ऐसे आम युवा नेता किसी बड़े नेता के साथ सैल्फी खिंचवाकर फेसबुक बर डालकर ही खुश होते रहे। असल सच यह है कि ये बड़े नेता आज विपक्ष मे हैं तो उनके साथ सैल्फी खिंचवाना आसान है। जैसे ही ये सरकार में आते हैं तो इन्हें मिलने के लिए इनके सुरक्षा कर्मियों को पैसे देने पड़ते हैं।
निराश युवा नेताओं का कहना है कि अभी भी वक्त है, युवाओं को अपने काम धंधे पर ध्यान देना चाहिए, वर्ना बाद में 10-15 हजार रुपए की नौकरी के लिए कांग्रेसियों के तरले करने पडेंग़े।

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