अकालियों ने किया जत्थेदार के रुतबे का अनादर: कैप्टन

punjabkesari.in Sunday, Oct 13, 2019 - 08:46 PM (IST)

चंडीगढ़ः हरसिमरत कौर बादल की तरफ से राज्य सरकार खिलाफ की बयानबाजी का करारा जवाब देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि अकाली सरकार के समय अकाली नेता स्वयं ही राजसी शक्ति के बलबूते अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का अनादर करते रहे हैं और उल्टा हम पर इल्जाम लगा रहे हैं। कैप्टन केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की ओर से कांग्रेस सरकार के खिलाफ की गई बयानबाजी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने आज यहां कहा कि उनकी सरकार ने अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को स्वीकार करते हुए इसका हर पक्ष से मान और सत्कार किया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दस सालों में बादल समेत सत्ता के नशे में चूर अकालियों ने अपने दमनकारी राज के दौरान लोगों की बात तो दूर अकाल तख्त साहिब तक को नहीं बक्शा। उन्होंने बादल पर संकुचित राजनीतिक लाभ लेने के लिए झूठ बोलने का आरोप लगाया। कैप्टन ने कहा कि यह हर कोई भली भांति जानता है कि अहंकार में डूबे अकाली अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिबान के साथ कैसा सलूक करते रहे और अब भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर अपनी शर्तें थोप कर सिख संस्था का दुरुपयोग करने की घटिया चालें चल रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि बादल और अकालियों में सही फैसला लेने की समझ नहीं है। एक तरफ तो हरसिमरत बादल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के प्रशंसा कर रही है और दूसरीे तरफ उनके पति सुखबीर सिंह बादल हरियाणा चुनाव में प्रचार के दौरान लोगों को भाजपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवाने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने अकालियों के इस दोहरी भूमिका का पर्दाफाश तो बहुत पहले ही कर दिया था और राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों से लेकर अब तक हुए चुनावों में अकाली लीडरशिप को बार-बार मुंह की खानी पड़ी।       

कैप्टन ने कहा कि गुरू साहिब जी के 550 साला प्रकाश पर्व के पवित्र के मौके पर होने वाले समागम साझे तौर पर मनाने के लिए वह कई महीनों से शिरोमणि कमेटी को निजी तौर पर अपीलें कर रहे हैं। अकाली इस अवसर का राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस समागम में रोड़ा अटकाने पर उतार आए हैं। फिर भी वह आशा करते थे कि 550वें प्रकाश पर्व के ऐतिहासिक मौके पर शायद अकाली कुछ बुद्धिमत्ता दिखाएं। कैप्टन ने कहा कि जिस ढंग से अकाली लीडरशिप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अलग समागम के लिए प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को न्योता देने के लिए गई थी, उससे ही इनके इरादे स्पष्ट हो जाते हैं। यदि अपने लाभ के लिए धार्मिक समागमों को हाइजैक करने के लिए यह निराशाजनक कोशिश नहीं है तो और क्या है।अमरें


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Mohit

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