लोकसभा चुनावः कैप्टन अमरेंद्र सिंह और प्रकाश सिंह बादल की प्रतिष्ठा दांव पर

punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2019 - 06:28 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं जिसके चलते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा ने तीन सीटों पर अभी तक एक भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है जिसके परिणाम स्वरुप पंजाब का परिद्दश्य अभी साफ नहीं हुआ। बेशक आम आदमी पार्टी, उससे अलग हुए गुट सुखपाल खैहरा, निवर्तमान सांसद डा. धर्मवीर गांधी, विधायक बलदेव सिंह सहित डेमोक्रेटिक पंजाब फ्रंट, शिअद से अलग हुए गुट शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला शिअद-कांग्रेस के बीच तय है।

हरसिमरत कौर कर रही हैं धुंआधाड़ प्रचार
शिअद ने बठिंडा से केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तथा फिरोजपुर सीट पर पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को उतारने का मन बनाया है लेकिन अधिकृत घोषणा होनी बाकी है। शिअद के हिस्से की दस सीटों में से आठ पर अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के धुंआधाड़ प्रचार से स्पष्ट है कि वो ही संभावित उम्मीदवार होंगी। शिअद की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी अभी तक होशियारपुर, अमृतसर और गुरदासपुर सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। आप पार्टी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। दूसरी छोटी पार्टियां भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। 



पिछली बार कांग्रेस ने दी थी कुछ युवा चेहरों को टिकट लेकिन....
कांग्रेस ने अपने चार निवर्तमान सांसद, गुरजीत औजला (अमृतसर) सुनील जाखड़ (गुरदासपुर) रवनीत बिट्टू (लुधियाना) संतोख चौधरी (जालंधर) तथा एक शिअद छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए निवर्तमान शेर सिंह घुबाया (फिरोजपुर) तथा दो विधायक अमरिंदर वडिंग (बठिंडा) तथा डा. राजकुमार चब्बेवाल (होशियारपुर) पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। राज्य की सभी तेरह सीटों पर दोनों दलों ने चुनावी शतरंज की बिसात बिछा दी है। पिछली बार कांग्रेस ने कुछ युवा चेहरों को टिकट दी थी लेकिन इस बार दो नौजवान विधायकों को टिकट दिया है। पटियाला सीट पर आप पार्टी के डा. धर्मवीर गांधी से पिछले चुनाव में हारी परनीत कौर को कांग्रेस ने इस बार फिर टिकट दिया है। 



अकाली दल के सामने उम्मीदवारों को लेकर संकट
फतेहगढ़ साहिब से डा. अमर सिंह, संगरूर से पूर्व विधायक केवल ढिल्लों, खडूर साहिब से पूर्व विधायक जसबीर डिम्पा और आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी को उतारा है। अकाली दल के निवर्तमान सांसद खडूर साहिब से रंजीत सिंह ब्रहमपुरा ने पार्टी से नाराज होकर अलग शिअद टकसाली दल बना कर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं तथा कुछ सीटों पर अन्य छोटी पाटिर्यों को समर्थन दे रही है। शेर सिंह घुबाया कांग्रेस में चले गए। इस तरह अकाली दल के सामने उम्मीदवारों को लेकर संकट खड़ा हो गया। अकाली दल ने अपने सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा को आनंदपुर साहिब सीट से उतारा है। खडूरसाहिब से बीबी जागीर कौर ,संगरूर सीट पर विधायक परमिंदर ढींडसा, जालंधर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरनजीत सिंह अटवाल, फतेहगढ़ साहिब से दरबारा सिंह गुरू, फरीदकोट से पूर्व मंत्री एवं दलित नेता गुलजार सिंह रणिके, पटियाला से पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा और लुधियाना से महेशइंदर ग्रेवाल को चुनाव में उतारा है। 



'आप' ने उतारे अपने उम्मीदवार
आप पार्टी ने बठिंडा से विधायक प्रो. बलजिंदर कौर, जालंधर से जस्टिस (सेवानिवृत) जोरा सिंह, फतेहगढ साहिब हरबंस कौर दूलो फरीदकोट से निवर्तमान सांसद प्रो. साधु सिंह, संगरूर भगवंत मान, होशियारपुर से रवजोत सिंह, अमृतसर से कुलदीप सिंह धालीवाल, आनंदपुर साहिब से नरेंद्र शेरगिल, गुरदासपुर पीटर मसीह चीदा ,फिरोजपुर से हरजिंदर सिंह काका, लुधियाना से तेज पाल गिल, पटियाला से डा. नीना मित्तल, खडूर साहिब से मनजिंदर सिंह सिद्धू को उतारा है। 



'आप' को है अपनों से खतरा
आप से अलग हुए निवर्तमान सांसद डा. धर्मवीर गांधी इस बार फिर मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की पत्नी परनीत कौर से टकरा रहे हैं। शिअद के सुरजीत रखड़ा भी इस तिकोने मुकाबले में हैं। आप से अलग हुए विधायक सुखपाल खैहरा बठिंडा सीट पर चुनाव मैदान में हैं। इस बार आप को अपनों से जितना खतरा है उतना दूसरों से नहीं। कोटकपूरा से आप के विधायक बलदेव सिंह फरीदकोट सीट पर अपने ही सांसद प्रो. साधू सिंह को टक्कर देने उतरे हैं। खैहरा ने खडूरसाहिब से मानवाधिकार कार्यकर्ता की विधवा परमजीत कौर खालड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है तथा छोटी छोटी पार्टियां उन्हें समर्थन दे रही हैं। 



इस बार भी लोग करेंगे कांग्रेस के हाथ मजबूत 
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह का कहना है कि राज्य की सभी तेरह सीटें कांग्रेस जीतेगी तथा केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनाने में राहुल गांधी के हाथ मजबूत करेगी। लोग पूर्ववर्ती अकाली सरकार की कारगुजारी से तंग आकर कांग्रेस को सत्ता सौंपी और इस बार भी लोग कांग्रेस के हाथ मजबूत करेंगे। उधर अकाली दल का चुनाव प्रचार लंबे समय से चल रहा है तथा उसने अपने उम्मीदवार पहले ही तय कर लिए थे। उसे कुछ नुकसान इसलिए हो सकता है कि उससे अलग हुए गुट के चुनाव मैदान में आने से पंथक वोटों के बंटने की आशंका है। 



प्रकाश सिंह बादल अपनी पुत्रवधू के प्रचार में जुटे
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी मुक्तसर जिले में लोगों से संपर्क कर पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हालांकि अब उनकी उम्र धुंआधाड़ प्रचार की इजाजत नहीं देती, फिर भी वो अपनी पुत्रवधू हरसिमरत कौर के लिए प्रचार में जुटे हैं। बादल का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव घोषणापत्र में किए कोई वादे पूरे नहीं किए। वोट तो बड़े- बड़े वादे करके लिए थे। किसानों की हालत जस की तस है। सरकार किसानों को पूर्ण कर्ज माफी के वादे से मुकर गई। केन्द्र सरकार ने राज्य में अनेकों विकास के कार्य किए और मोदी सरकार की वापसी तय है क्योंकि इतना काम आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस नहीं कर सकी वो काम मोदी सरकार ने कर दिखाए। पंजाब में नामांकन प्रक्रिया कल शुरू हो जाएगी तथा मतदान अंतिम चरण 19 मई को होना है तथा नतीजे 23 मई को आ जाएंगे।

Mohit