स्टाफ की लापरवाही से प्रसव दौरान गर्भवती महिला की मौत(pics)

punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 09:22 AM (IST)

अमृतसर (दलजीत शर्मा): सरकारी सैटेलाइट अस्पताल ढाब खटीका के स्टाफ की लापरवाही के कारण एक मासूम गर्भवती को मौत का शिकार होना पड़ा। अस्पताल की स्टाफ नर्सों ने गायनी डाक्टर की गैर मौजूदगी में गर्भवती की डिलीवरी दौरान बच्चेदानी सहित नाडिय़ां ही बाहर निकाल दीं। नर्सों ने मौका संभालने की बजाय जहां खून से लथपथ महिला सहित बच्चेदानी और नाडिय़ों को चादर में लपेट बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में रैफर कर दिया। वहां बच्चे को तो डाक्टरों द्वारा भारी मशक्कत से बचा लिया गया, लेकिन महिला की मौत हो गई। पारिवारिक सदस्यों ने अस्पताल की इंचार्ज और स्टाफ को मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए थाना लाहौरी गेट में शिकायत दर्ज करवाई है।
जानकारी के अनुसार लवली (25) पत्नी सागर निवासी फहेत सिंह कालोनी का एक वर्ष पहले विवाह हुआ था। पिछले 9 महीनों से लवली सरकारी सैटेलाइट अस्पताल ढाब खटीका में डा. भारती से अपना इलाज करवा रही थी। मृतक महिला के पति सागर ने बताया कि गत दिवस वह अपनी पत्नी का रुटीन चैकअप करवाने के लिए डाक्टर भारती के पास अस्पताल में आए। डा. भारतीय को चैकअप करके लवली अस्पताल में दाखिल कर लिया और साथ ही कह दिया कि आज ही डिलीवरी करनी है।

उन्होंने कहा कि दोपहर तक पत्नी बिल्कुल नार्मल थी। अचानक ही स्टाफ ने कहा कि लवली को लेबर रूम में लेकर जाना है। कुछ ही समय बाद लेबर रूम में चीखने की आवाजें आने लगीं और स्टाफ ने बाहर आकर कहा कि लवली की हालात बहुत नाजुक हो गई है। इसे तुरंत बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल ले जाओ। सागर ने कहा कि जब उसने लेबर रूम में जाकर देखा तो लवली की बच्चेदानी और नाडिय़ां बाहर लटक रही थीं और काफी बड़ी मात्रा में खून बह रहा था। 

फोन करने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे सीनियर डाक्टर
स्टाफ नर्सों ने मौके पर अपने सीनियर डाक्टरों को फोन भी किए, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। एम्बुलैंस वैन भी 2 घंटे बाद अस्पताल में आई जहां स्टाफ ने लवली को खून से लथपथ बच्चेदानी और नाडिय़ां एक चादर में बांध कर उनके हवाले कर दिया। सागर ने कहा कि बेबे नानकी अस्पताल में डाक्टरों ने जच्चा-बच्चा को बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन वहां पर भी लवली का खून बंद नहीं हो रहा था और कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। उसने कहा कि उसकी पत्नी की मौत की जिम्मेदार डा. भारती है, जिसने अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ न निभा कर उसकी पत्नी को मार दिया। यदि डा. भारती समय पर अस्पताल आ जाते तो उसकी पत्नी की जान बच सकती थी।
लवली ने बेटे के लिए सजाए थे कई सपने 
सागर के पारिवारिक सदस्यों के अनुसार लवली ने अपनी कोख में पल रहे बच्चे की पहले ही लड़का होने की बात कही थी। लवली को अपने पहले बच्चे के जन्म को लेकर दिल में काफी अरमान थे। लवली अक्सर कहा करती थी कि उसका बेटा बड़ा होकर हमारे जीने का सहारा बनेगा और बड़ा अफसर बनकर माता-पिता का नाम रोशन करेगा, लेकिन किसी को क्या पता था कि सपने सजाने वाली मां ही अपने बच्चों के लिए जिंदगी में स्वप्न बन कर रह जाएगी।

पिता के सहारे छोड़ गई एक दिन के लाल को
लवली की मौत के बाद फतेह सिंह कालोनी में शौक की लहर दौड़ गई। कालोनी के निवासी बड़ी संख्या में सागर के घर अफसोस करने के लिए पहुंच रहे थे। सागर के घर में मातम छाया हुआ था। लोग कह रहे थे कि  लवली कहां चली गई अपने एक  दिन के लाल को छोड़ कर। सागर का रो-रो कर बुरा हाल था। 

सरकारी अस्पतालों में बढ़ी जच्च-बच्च की मौत की संख्या
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जय गोपाल लाली ने बताया कि इस घटना से पहले सरकारी अस्पताल मानांवाला के स्टाफ की लापरवाही के कारण एक नवजात की मौत हो गई थी, जबकि सरकारी सैटेलाइट अस्पताल रणजीत एवेन्यू में सुविधाओं की कमी के कारण गर्भवती के बच्चे की मौत हो गई थी। लाली के अनुसार दोनों मामलों की सेहत विभाग द्वारा कमेटी बनाकर जांच करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हालात देख कर लगते हैं कि विभाग उक्त मामले में अपने स्टाफ को बचाने की कोशिश कर रहा है।  

Anjna