4 वर्षीय ‘निक्की कुड़ी’ ने रचा इतिहास, बनाए 8 विश्व रिकार्ड

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 07:49 AM (IST)

अमृतसर(स.ह., नवदीप) : श्री रामतीर्थ रोड स्थित निक्का सिंह कालोनी की 4 साल की ‘निक्की कुड़ी’ ने इतिहास रचा है। 31 मई 2018 से 3 जून तक कर्नाटक के बैलगांव में आयोजित स्केटिंग प्रतियोगिता में लगातार 72 घंटे स्केटिंग करके 3 फुट कद की 4 वर्षीय मनबीर कौर ने जहां इतिहास रचा, वहीं 8 विश्व रिकार्ड अपने नाम किए। सबसे कम उम्र में मिली बड़ी सफलता के बाद अब मनबीर ‘लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड’ एवं ‘गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड’ में अपना नाम शामिल करवाने के लिए तैयारियों में जुटी है।

मनबीर कर्नाटक से बड़ी उपलब्धियां लेकर लौटी तो ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने सबसे पहले दस्तक दी। 75 गज का मकान, एक ड्राइंग रूम, एक बैडरूम और किचन। इसी 75 गज के मकान में मनबीर का ‘स्केटिंग’ प्रेम देखते बनता है। स्केटिंग करने को कह दो तो रात 2 बजे घर की लाइटें जला देती है। स्केटिंग का यह लगाव मनबीर के खून में है। पिता सरबजीत सिंह मनबीर के कोच हैं। मनबीर का बड़ा भाई दवंश दीप सिंह ने भी ‘स्केटिंग’ में बहन के साथ ही 8 विश्व रिकार्ड बनाए हैं। मनबीर की मां सतनाम कौर टीचर हैं। खेल से दूर और किताबों का साथ सदैव रहा। गणित व अंग्रेजी पढ़ाती हैं। कहती हैं मनबीर 4 साल की है, इसलिए मैं उसके साथ ही कर्नाटक गई थी। जब दोनों ने विश्व रिकार्ड बनाया तो मेरी जुबां खुशी से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी, दोनों को गले लगा कर बस चूमती रही। अब तो अक्टूबर 2018 का इंतजार है। 

इनके दादा होते तो पूरे मोहल्ले को सुनाते यह कामयाबी
मनबीर की दादी सङ्क्षतदर कौर कहती हैं कि मनबीर के दादा नरिंदर सिंह बिजली बोर्ड से रिटायर्ड थे। 2016 में आंखें मूंद ली। आज वो होते तो ‘पोते-पोती’ की इस कामयाबी पर पूरे मोहल्ले को सुनाते। मनबीर का ‘निक्क नेम’ तेजस है। पिता सरबजीत सिंह पंजाब पुलिस के जवानों को बॉकिं्सग सिखाते रहे हैं, लेकिन पंजाब पुलिस की नौकरी नहीं मिली। प्राइवेट स्कूल में स्पोर्टस टीचर हैं। स्केटिंग में 8 विश्व रिकार्ड उनके नाम हैं, अनगिनत गोल्ड मैडल घर की अलमारी में संभाल कर रखे हैं।

कहते हैं कि दोनों बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ घर का खर्च पहले से ही उठाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में स्केटिंग के लिए खर्च कहां से करें। वैसे तो ‘स्केटिंग शूज’ वल्र्ड लैवल का हो तो रफ्तार बढ़ जाती हैं। मनबीर व दवंश के पास 7-7 हजार के देसी ‘स्केटिंग शूज’ हैं। ऐसे में कहां से महंगे शूज खरीदें ताकि दोनों बच्चे विश्व रिकार्ड की तैयारी कर सकें। मनबीर पैंथर आर्मी प्री प्राइमरी स्कूल में एल.के.जी. की छात्रा है जबकि दवंश केवी-वन में सैकेंड क्लास में पढ़ता है।

2 वल्र्ड रिकार्ड के लिए चाहिएं 2 जोड़ी ‘स्केटिंग शूज’
4 साल की मनबीर व 7 साल का दवंश को अगर 2 ‘स्केटिंग शूज’ मिल जाएं तो निश्चित है कि भईया दूज के दूसरे दिन आयोजित कर्नाटक में वहीं ‘स्केटिंग शूज’ पहनकर ‘गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड’ व ‘लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड’ में नाम दर्ज करवा सकते हैं। बड़ा सवाल, कहां से आएंगे 45-50 हजार के बेहतर ‘स्केटिंग शूज’। मां-बाप का वेतन मिलाकर घर का गुजारा चले यही गनीमत है, ऐसे में कौन खर्च करेगा पैसा। सरकार या समाज। समाज सेवी संस्थाएं या खेल विभाग। इलाके के पार्षद से लेकर पंजाब के मंत्री हों या पंजाब सरकार जवाब देना होगा। 

75 गज के मकान में ‘स्केटिंग’ कर बनाया 72 घंटे का विश्व रिकार्ड 
75 गज के मकान में ‘स्केटिंग’ करते हुए मनबीर व दवंश दीप दोनों ‘लुकन मीटी’ खेलते हैं। दोनों ने 31 मई शाम 5 बजे से लेकर 3 जून की शाम 6 बजे तक लगातार स्केटिंग की। कर्नाटक के बैलगांव में आयोजित ‘स्केटिंग मैराथन’ में सबसे कम उम्र की मनबीर ही थी। पिता ने कोच व मां ने अभिभावक की भूमिका निभाई। सतनाम कौर कहती हैं कि 72 घंटे ‘स्केटिंग मैराथन’ में करीब 400 बच्चों ने हिस्सा लिया। 200 मीटर ग्राउंड के 8,432 चक्कर काट 1,050 किलोमीटर स्केटिंग की। अलग-अलग ग्रुप थे, ऐसे में हर 2 घंटे के बाद बच्चों को रेस्ट दी जाती है। बच्चे सो जाते थे, लेकिन एक आवाज में उठते थे। मनबीर तो खिलौने की तरह स्केटिंग से खेलती है, उसका बस चले तो स्केटिंग शूज पहन कर सोये। 

भाई-बहनों ने मिलकर बनाए यह 8 विश्व रिकार्ड 
इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड, इंडियन यंग एचीवर बुक्स ऑफ रिकार्ड, बेस्ट ऑफ इंडिया रिकार्ड्स, ग्लोबल रिकार्ड्स, एशिया पेसेफिक रिकाडर््स, नेशनल रिकार्ड, चिल्ड्रेन रिकार्ड्स। इसी के साथ मनबीर के जिला स्तर पर 2 गोल्ड मैडल जीते हैं। ‘इंडो-नेपाल’ के बीच स्केटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीत चुकी है। दवंश दीप सिंह 7 साल में ही 8 विश्व रिकार्ड, 4 गोल्ड मैडल जीत चुके हैं। मनबीर ने पहला गोल्ड मैडल 31 दिसम्बर 2017 को जीता। 

Anjna