'रावण' बनी रेल: चीख-पुकार में भी राजनीति करने से बाज नहीं आए नेता

punjabkesari.in Saturday, Oct 20, 2018 - 09:39 AM (IST)

अमृतसर (ममता) : जोड़ा फाटक पर हुए हादसे को ले कर जहां एक ओर चीत्कार मचा हुआ था, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के नेता और खासकर विरोधी पक्ष के नेता राजनीति करने में लगे हुए थे। वे इस हादसे का सारा आरोप कांग्रेसियों के सिर मढ़ रहे थे और साथ ही जिला एवं पुलिस प्रशासन को भी कोस रहे थे।


इस दौरान गुस्से में आए लोग जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, वहीं उनसे इस हादसे में मारे गए लोगों की जान का हिसाब मांग रहे थे। रेलवे ट्रैक की हालत यह थी कि वहां खून और चप्पलें बिखरी हुई थीं और लोग अपने पारिवारिक सदस्यों को ढूंढ रहे थे। सब से ज्यादा घबराई हुई औरतें थीं, जिनको अपने बच्चे नहीं मिल रहे थे। इस मौके पर भाजपा नेता राजेश हनी ने इस हादसे का सारा कसूर वार्ड नंबर 30 के पार्ष के बेटे मिट्ठू मदान और कांग्रेसी नेता नवजोत कौर सिद्धू के सिर मढ़ा। 

उन्होंने कहा कि रावण को जलाने का समय लगभग शाम 5.30 से 6 बजे के करीब था, लेकिन नवजोत कौर सिद्धू के लेट पहुंचने कारण इसमें लगभग 7.15 बजे आग लगाई गई। इस दौरान ही रेल गाड़ियों के आने का भी समय था और हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि नवजोत कौर हादसे की जानकारी मिलने के बावजूद वहां से चली गई जो दुर्भाग्यपूर्ण था। इस दौरान अन्य नेता भी नवजोत कौर सिद्धू को कसूरवार बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसके इलावा, पंजाब भाजपा के प्रधान श्वेत मलिक और भाजपा नेता तरुण चुग की ओर से भी इस घटना का जिम्मेदार नवजोत कौर सिद्धू को ठहराया गया। जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस घटना के लिए नवजोत कौर सिद्धू और दशहरा के प्रबंधकों को दोषी ठहराने  की मांग की। इस दौरान कुछ नेता हादसे वाली जगह पर धरना लगाने का भी ऐलान कर रहे थे। 

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