सिद्धू ने रेलवे पर साधा निशाना, लोको पायलट को एक दिन में ही क्यों दी जा रही है क्लीन चिट

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 10:34 AM (IST)

अमृतसर: पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को भारतीय रेलवे पर निशाना साधते हुए उसके कामकाज पर कई सवाल उठाए और पूछा कि कैसे ट्रेन के लोको पायलट को ‘क्लीन चिट’ दी जा रही है। यहां गत शुक्रवार की शाम रावण दहन देखने के लिए कम से कम 300 लोग रेल की पटरी पर एकत्र हो गए थे कि तभी तेज रफ्तार रेलगाड़ी लोगों को रौंदते हुए निकल गई। इस घटना में 59 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। जौड़ा फाटक पर हुए इस कार्यक्रम की मुख्यातिथि सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू थीं।

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है। सिन्हा के इस बयान के एक दिन बाद सिद्धू का बयान आया है। रेलवे ने कहा है कि रेलवे पटरी के निकट आयोजित हुए दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों और स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सूचित नहीं किया था। सिद्धू ने पूछा,‘‘आपने कौन से आयोग का गठन किया था कि आपने एक दिन में उसे (लोको-पायलट) क्लीन चिट दे दी। क्या चालक स्थायी था या वह एक दिन के लिए काम पर लगा हुआ था। आप क्यों नहीं कहते हो? उन्होंने दावा किया,‘‘ जब आप गाय के लिए (ट्रेन) रोकते हैं, कोई ट्रैक पर बैठा पाया गया तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है। आप लोगों को रौंदते हुए निकल जाते हो और आप नहीं रुके। ट्रेन की गति क्या थी? यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक थी।’’ विपक्षी पार्टियों ने रेलवे पटरियों के निकट कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। अकाली दल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार से सिद्धू को बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने एक ‘अनधिकृत’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

राज्य सरकार ने इस घटना की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है।सिद्धू ने जौड़ा फाटक पर तैनात रेलवे गेटमैन पर अंगुली उठाते हुए दावा किया कि दशहरा कार्यक्रम में लगी लाइटों को 300 मीटर की दूरी से देखा जा सकता था और रेलवे व स्थानीय अधिकारियों को सतर्क किया जा सकता था। उन्होंने कहा,‘‘ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की गति से चल रही थी। कुछ लोगों का कहना है कि ट्रेन की टॉप लाइट काम नहीं कर रही थी। यदि वहां टॉप लाइट नहीं थी तो आप इसे यार्ड से बाहर नहीं निकाल सकते हैं। यदि टॉप लाइट काम कर रही थी तो इसके बाद आप 3 किलोमीटर तक भी देख सकते हैं।’’ सिद्धू ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि ट्रेन इस क्षेत्र से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की रफ्तार से नहीं गुजरती और इस हादसे से ठीक पहले 2 रेलगाडिय़ां गुजरी थीं। रेलवे पटरियों के निकट कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि पटरियों के निकट एक परिसर की ‘चारदीवारी के भीतर’ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पुलिस से अनुमति मांगी गई थी।


सिद्धू ने कहा,‘‘यह हादसा कार्यक्रम स्थल पर चारदीवारी के भीतर नहीं हुआ है। पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें उस शाम को 6 दशहरा कार्यक्रमों में भाग लेना था। उन्होंने कहा,‘यह उनका (नवजोत कौर सिद्धू) चौथा कार्यक्रम था और वह शाम 6.40 बजे पहुंच गई थीं। जब वह 5वें कार्यक्रम के लिए जा रही थीं तो उन्हें इस दर्दनाक घटना के बारे में पता चला। जब उन्होंने पुलिस आयुक्त से पूछा तो उन्होंने मौके पर जाने से उन्हें रोक दिया। इसके बाद वह सीधे अस्पताल गईं (जहां घायलों को ले जाया गया था)। सिद्धू ने दावा किया कि मंच से 7 बार घोषणाएं की गईं कि लोग रेल पटरियों के निकट से हट जाएं और परिसर के भीतर आ जाएं। 

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