अमृतसर हादसाः मजीठिया का दावा, विदेश भागने की फिराक में सिद्धू का करीबी मिट्ठू

punjabkesari.in Friday, Oct 26, 2018 - 10:11 AM (IST)

अमृतसर: 62 मौतों के जिम्मेदारों को लेकर ‘सिद्धू दंपति’ व ‘मदान परिवार’ थाना मोहकमपुरा पुलिस में दर्ज डी.डी.आर. के बाद सियासत और गर्मा गई है। जहां कानूनी कार्रवाई को लेकर अकाली दल व भाजपा ने कैप्टन सरकार को कोसते हुए सिद्धू की साजिश बता रहे हैं वहीं यह भी चर्चाएं हैं कि ‘मिट्ठू’ विदेश भागने की फिराक में है लेकिन सिद्धू दंपति बाधा बन गए हैं। 

अगर मिट्ठू विदेश भाग गया तो सबसे ज्यादा किरकिरी पंजाब सरकार की होगी, लेकिन विदेश जाने का मामला विदेश मंत्रालय के अधीन आता है। ऐसे में मिट्ठू के विदेश भागने के बाद ‘सिद्धू’ कुछ भी कह सकते हैं। रेल मंत्री के बाद विदेश मंत्री को चिट्ठी लिखकर पल्ला झाड़ सकते हैं। इन चर्चाओं से शहर की सुबह होती है और रात हो जाती है। 6 दिन की बात हो चली है, अब तक रिजल्ट क्या है, यह सभी के सामने है। पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता रहे मंदीप सिंह मन्ना कहते हैं कि बड़े लोगों के बड़े ठिकाने होते हैं। 

इतने दिन मिट्ठू को सिद्धू की कोठी में छिपने के आरोप पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया लगाते रहे, पूर्व निकाय मंत्री अनिल जोशी पुतला जलाते रहे लेकिन हुआ क्या, जिसकी लाठी उसी की भैंस। सब कुछ फिक्स है, चैक बांटे जा रहे हैं नौकरियों के आश्वासन में 2019 का चुनाव पार हो जाएगा, उसके बाद बेड़ा तो पार ही है, चाहे वो पंजाब की सरकार हो चाहे वो केन्द्र की।बता दें, मिट्ठू का मीडिया ट्रायल भी सियासत से जुड़ा था, देर रात सामने आना और उसके बाद छिप जाना यह सब उस स्क्रिप्ट का हिस्सा मात्र है जो पंजाब के एक मंत्री के घर बैठकर मीडिया के कुछ नुमांइदों के साथ रची गई थी। मिट्ठू परिवार व सिद्धू परिवार दोनों की नजदीकियां सोशल मीडिया पर दिखती है। कहा तो यहां तक जाता था कि ‘मिट्ठू का फोन का मतलब मंत्री जी का फोन’। कुल मिलाकर शहर मौन है और सियासत लाशों पर राजनीति कर रही है और राजनीति में सब जायज भी तो है। 
 

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