अमृतसर हादसाः सिद्धू व मिट्ठू के खिलाफ थाने में ‘तहरीर’ देने वाला चश्मदीद सिविल अस्पताल से गायब!

punjabkesari.in Friday, Oct 26, 2018 - 10:24 AM (IST)

अमृतसर: पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू, पार्षद विजय मदान उनके बेटे सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान के अलावा 19 अक्तूबर को आयोजित रावण दहन के आयोजकों के खिलाफ थाना मोहकमपुरा में ‘तहरीर’ देने से पहले नाटकीय ढंग से सिविल अस्पताल से गायब होने वाले रेल हादसे में जख्मी लखबीर सिंह को आखिरकार उनकी स्वेच्छा से सीनियर मैडिकल अफसर डा. राजिंदर अरोड़ा ने बुधवार शाम 7 बजे छुट्टी दे दी है।

पता चला है कि गायब होने के बाद मामला तूल न पकड़े इसके लिए आनन-फानन में कागजों की दुरस्तीकरण हो गई है, लेकिन यह बात सोलह आने सच है कि 2 बजे लखबीर सिंह अस्पताल से गायब हो गया, जबकि उसके परिजन यही कहते रहे कि फैमिली डाक्टर से चैकअप करवाने गए हैं, अभी लौट आएंगे।लखबीर सिंह कबाड़ी कारोबार से है, कंकड़ व हीरा में फर्क समझता है, युवा है जोश है। ऐसे में रेल हादसे के 6 दिन बाद उनमें इतना जोश भर गया कि उन्होंने अकाली दल व भाजपा से मदद मांग कर लोगों की जंग अपने कंधों पर लडऩे की ठान ली, जबकि दोपहर करीब 12 बजे लखबीर सिंह ‘पंजाब केसरी’ से बात करते हुए कह रहे थे कि डाक्टर बता रहे हैं कि 2-3 एक्स-रे होंगे और रिपोर्ट देखने के बाद छुट्टी मिलेगी। 

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर 24 घंटे पहले रोजी-रोटी का संकट बताने वाला दिहाड़ीदार मजदूर लखबीर सिंह ने सिविल अस्पताल से बुधवार दोपहर करीब 2 बजे गायब हो गया और शाम करीब 7 बजे उसके भाई ने सिविल अस्पताल से डिस्चार्ज स्लिप ली। कुल मिलाकर जिस तरह लखबीर के टूटे बाएं कंधों से बंदूक चलाने की सियासत की जा रही है वो उन लोगों के लिए सबक है जो लाशों पर राजनीति न करने की बात करते हैं। सबसे बड़ा सवाल दिहाड़ीदार लखबीर सिंह के 2 बच्चों विशु (10), विपाशा (8) की पढ़ाई व पत्नी माला के खुशियों की माला तैयार करने के लिए वो किन शर्तों पर अचानक हादसे के 5 दिन बाद तैयार हो गया, यह तो वही जाने या फिर सियासत। 

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