पंजाब में आनंद मैरिज एक्ट लागू होने के बाद भी आम लोग बेखबर

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 11:27 AM (IST)

मोगाः पंजाब में आनंद मैरिज एक्ट लागू होने के बाबत आम लोगों को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी के अनुसार न्याय विभाग के पत्र से वर्ष बाद अफरशाही ने इस एक्ट के तहत सिख रीति-रिवाज से हुए विवाह की रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दिया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मेंबर एवं पूर्व कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह का कहना है कि सिखों की बड़े लंबे समय से यह मांग थी कि उनको हिंदू मैरिज एक्ट से बाहर निकाला जाए। वह विवाह चाहे सिख रीति रिवाज से करते थे किंतु विवाह की रजिस्ट्रेशन हिंदू मैरिज एक्ट के अधीन ही होती थी। उन्होंने कहा कि अकाली सरकार के समय 19 दिसंबर 2016 को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। साल 2012 में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में निचली केंद्र सरकार के समय संसद ने सिखों का विवाह आनंद मैरिज एक्ट के अधीन रजिस्टर करने के लिए रास्ता साफ किया था। 

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में सीमा बनाम अश्वनी फैसले में निर्देशों के बाद राज्य को विवाह अनिवार्य रजिस्टर्ड करने के बारे कानूनी तौर पर कहा गया था। 2006 में विवाह की रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के बाद भी सिख रीति रिवाज से हुए विवाह भी हिंदू मैरिज एक्ट अधीन ही रजिस्टर करवाने पड़ रहे थे। इसका कारण 1909 में लागू हुए आनंद मैरिज एक्ट में विवाह रजिस्टर कराने की मद का शामिल न होना था। चाहे 1909 वाला आनंद मैरिज एक्ट कभी भी खत्म नहीं हुआ और यह एक्ट आनंद कार्ज हुए विवाह को तो मान्यता देता आ रहा था पर इसमें रजिस्ट्रेशन की मद न होने के कारण मजबूरी बस सिखों को विवाह की रजिस्ट्रेशन हिंदू मैरिज एक्ट अधीन करवानी पड़ती थी।

इस एक्ट के मुताबिक जिस स्थान में आनंद कार्ज की रस्म हुई हो उस क्षेत्र के अधिकारी के पास ही पंजाब आनंद मैरिज रजिस्ट्रेशन रूल्ज 2016 तहत अर्जी दी जा सकती है। राज्य सरकार के न्याय विभाग ने 3 अप्रैल 2017 को रजिस्ट्रार जनरल पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़, राज्य के समूह डिप्टी कमिश्नरों ओर राज्य के कानूनी सलाहकार के अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को पंजाब आनंद मैरिज रजिस्ट्रेशन रूल्ज 2016 बारे हिदायतें दीं, लेकिन अफसर शाही ने इस पत्र से वर्ष बाद अमल शुरू करते अब इस एक्ट तहत सिख रीति रिवाज से हुए विवाह की रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि लोगों को इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 2012 में पंजाब कम्पल्सरी रजिस्ट्रेशन आफ मैरिज एक्ट, 2012 (पंजाब एक्ट नंबर 1, 2013) पास किया गया। इसके बाद अब तक पंजाब कम्पल्सरी रजिस्ट्रेशन आफ मैरिज रूल्ज, 2013 के तहत विवाह रजिस्टर्ड किए जा रहे हैं।

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