सिद्धू प्रयासरत,आर्मी नहीं चाहती करतापुर का खुले रास्ता

punjabkesari.in Monday, Aug 27, 2018 - 12:32 PM (IST)

गुरदासपुरःइन दिनों भारत-पाक सीमा में स्थित करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के रास्ते को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू काफी सुर्खियों में हैं। वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों  के तल्ख रिश्तों के कारण तथा सुरक्षा के मद्देनजर सेना इस रास्ते को खोलने के पक्ष में नहीं है। इससे पहले भी कई राजनीतिक नेता इस रास्ते को खुलवाने को लेकर प्रयास कर चुके हैं। पर हर बार सेना ने उनके प्रस्ताव को खारिज ही किया है। 

एक वरिष्ठ बी.एस.एफ. अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा कारणों के कारण इस मामले में बातचीत संभव नहीं है। गुरदासपुर में टिब्बी छावनी, जबकि पठानकोट में एशिया के सबसे बड़ा गोला बारूद भंडारण ,मामून छावनी और एयरबेस है। इस बार कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस रास्ते को खुलवाने का जिम्मा लिया है। उनसे पहले गुरदासपुर के पूर्व  सांसद और केंद्रीय मंत्री सुखबंस कौर भिंडर ने 1980 में इस रास्ते को खुलवाने के लिए प्रयास किया था।  उनके बाद सांसद विनोद खन्ना ने इस मुद्दे को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी के समक्ष उठाया।

उनके प्रस्ताव को पी.एम.ओ. ने आर्मी अधिकारियों  से बातचीत के बाद खारिज कर दिया था। उनके बाद सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कई प्रयास किए। इस साल 2 मई को, विदेश मामलों की संसदीय स्थाई समिति ने स्पष्ट रूप से इस मार्ग के निर्माण से इंकार कर दिया था। सात सांसदों की समिति ने डेरा बाबा नानक का दौरा किया था।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व  पूर्व मंत्री शशि थरूर ने किया था जो  अमृतसर के सांसद गुरुजीत सिंह औजला और डेरा बाबा नानक विधायक सुखजिंदर सिंह रंधवा के निमंत्रण के बाद आए थे। रंधवा के अनुरोध पर थरूर ने उस बिंदु पर 4 उच्च रिजोल्यूशन दूरबीनों को स्थापित करने का वादा किया था, जहां से लोग दूरबीन के माध्यम से गुरुद्वारा के निशान साहिब को देखते हैं। हालांकि, वह अपना वादा पूरा करने में नाकाम रहे हैं। जिसके बाद रंधवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से संपर्क किया।

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