अश्वनी शर्मा ने सुरक्षा लेने से किया इंकार, पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Feb 09, 2021 - 09:11 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने आज कहा कि कांग्रेस राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी सम्भावित हार देख कर बौखला गई और किसानों की आड़ में उनके समेत पार्टी नेताओं पर हमले कराए जा रहे हैं। शर्मा ने आज यहां जारी बयान में कांग्रेस को चेतावनी और चुनौती देते हुए कहा कि उसमें दम है तो भाजपा प्रत्याशियों का चुनाव में सामना करें, न कि किसानों की आड़ लेकर उनके नाम पर गुंडागर्दी कर भाजपा नेताओं हमले करें और उनका रास्ता रोकें। उन्होंने कहा कि किसान पसीना बहाता है, खून नहीं। 

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का रास्ता रोकना कांग्रेसियों का काम है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर चुनाव में सरेआम गुंडागर्दी ही करनी है तो फिर चुनाव का ड्रामा करने की क्या जरुरत है? सीधे सीधे आमने-सामने हो जाते हैं, निहत्थों पर वार करना कहां की बहादुरी है। अगर लोकतंत्र की हत्या ही करनी है तो चुनाव किस लिए कराए जा रहे हैं? भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र को हाइजैक कर बंधुआ मजदूर बना लिया है। पंजाब पुलिस और पुलिस महानिदेशक मुख्यमंत्री के कथित तौर पर कठपुतली बन कर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके अबोहर दौरे के तहत उपद्रवियों के पास घातक हथियार तथा अन्य सामग्री कहां से पहुंची। उन्होंने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए कहाकि यह सब पुलिस के आला-अधिकारीयों की नालायकी और मिलिभगत का नतीजा है। 

उन्होंने पुलिस सुरक्षा लेने से साफ इनकार करते हुए पुलिस से सवाल किया कि उनके कार्यक्रम तक प्रदर्शनकारी तथा उपद्रवी कैसे पहुंचें? उन्होंने परोक्ष से निशाना साधते हुए कहा कि थाना सदर के प्रभारी जहां भी होते हैं, वहां ये उपद्रवी कैसे पहुंच जाते हैं? इन सवालों पर पुलिस कोई सफाई नहीं दे सकी। उन्होंने समूचे घटनाक्रम की जांच कराने की मांग की है। शर्मा ने पुलिस से सीधे सवाल करते हुए कहा कि वह उन्हें यह बता दें कि आगे उन पर कहां हमला होगा? वह गाड़ी में नहीं बैठेंगे। चाहे किसानों की आड़ लेकर मुझ पर हमला करने वाले कांग्रेस समर्थित गुंडे उनकी जान ही क्यूं न ले लें? उन्होंने कहा कि प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उसे इतना कमजोर डीजीपी मिला है।

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Mohit