मौत को भी नहीं बदल सकती हाथों की लकीरें, रिसर्च में हुआ ज्योतिषियों को लेकर बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, Aug 19, 2020 - 02:08 PM (IST)

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): हाथ की लकीरें पढ़ उम्र बताने वाले ज्योतिषशास्त्र पर पी.जी.आई. चंडीगढ़ के रिसर्च ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पी.जी.आई. के रिसर्च का कहना है कि ज्योतिष शास्त्र व्यक्ति की बीमारी को लेकर सिर्फ आधा सच ही बता सका है। ज्योतिषशास्त्र व्यक्ति की मौत के समय को लेकर सटीकता से कुछ भी नहीं कह सका। चिकित्सा विज्ञान ने जिन पेशैंट्स को मरने के बेहद करीब पाया था और जिनकी मौत तय थी, उनमें से  ज्योतिषशास्त्र ने 62 प्रतिशत पेशैंट्स को स्वास्थ्य और 38 प्रतिशत को बीमार बताया। टीम का मानना है कि सही आंकलन के लिए बड़े स्तर पर अध्ययन किया जाए तो ही साबित हो सकेगा कि हाथ की लकीरें उम्र, बीमारी या मौत के समय के बारे में कुछ बताती है या नहीं? ज्योतिषियों का कहना है कि अगर हाथ की तस्वीरों की बजाय उन्हें सीधे हाथ दिखाए जाते तो स्वास्थ्य, स्थिति और मौत के बारे में सटीकता से कुछ बताया जा सकता था।

यह थी रिसर्च टीम
पी.जी.आई. के न्यूरोलॉजी विभाग की न्यूरोसाइंस रिसर्च लैब से डॉ.अक्षय आनंद, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ.एस.प्रभाकर, पी.जी.आई. न्यूरोलॉजी विभाग से डॉ. केशव ठाकुर, डॉ. राहुल त्यागी, राजस्थान यूनिवर्सिटी के ’योर्तिविज्ञान केंद्र से विनोद शास्त्री, दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की राष्ट्रीय सांस्कृतिक विद्यापीठ से देवी प्रसाद त्रिपाठी और पंजाब यूनिवर्सिटी के सांख्यिकी विभाग से सुरेश शर्मा ने तीन सालों की अवधि में यह अध्ययन किया।  

ऐसे किया गया था रिसर्च
पी.जी.आई. के न्यूरोसाइंस रिसर्च लैबोरेटरी ने संस्थान के विभिन्न विभागों की ओपीडी में आने वाले ऐसे गंभीर पेशैंट्स को रिसर्च का हिस्सा बनाया जिनकी मौत लगभग तय थी। उन पेशैंट्स के हाथों की तस्वीरें ली गई। न्यूरोलॉजी के गंभीर पेशैंट्स के साथ साथ डायबिटिज, हाइपरटेंशन, माइग्रेन, सिगरेट पीने वाले और तंबाकू से दूर रहने वाले पेशैंट्स को भी रिसर्च से जोड़ा गया। 26 न्यूरोलॉजी के गंभीर पेशैंट्स, 30 न्यूरोलॉजी के सामान्य पेशैंट्स, 34 स्वस्थ लोगों के हाथों की लकीरों की तस्वीरें एकत्रित की गई। हाथ की तस्वीरों को यह बताए बगैर ज्योतिषियों को दिया गया कि कौन से हाथ पेशैंट्स के हैं और कौन से हाथ स्वस्थ लोगों के हैं। चौकोर, चर्तुभुज, गोलाकार, गाय के मुंह सामान और भालू आकार के हाथ की तस्वीरें दी गई। ज्योतिषियों ने हाथ की लकीरों को पढऩे के बाद बताया कि कौन से हाथ वाला व्यक्ति बीमार है, कौन स्वस्थ है और किसकी मौत नजदीक है। परंतु जब रिसर्च टीम ने ज्योतिष शास्त्र के अनुसार की गई भविष्यवाणी का आंकलन किया तो पाया कि महज 38 प्रतिशत भविष्यवाणियां पेशैंट्स के स्वास्थ्य के अनुरूप थी जबकि बाकी की 62 प्रतिशत भविष्यवाणी सही नहीं थी। 62 प्रतिशत भविष्यवाणी में ज्योतिषशास्त्र ने बीमार को स्वस्थ, स्वस्थ को बीमार और मौत के नजदीक वाले को दुरुस्त ही बता दिया। आधी सही भविष्यवाणी और आधी गलत भविष्यवाणी के चलते टीम के लिए यह तय करना चुनौतीपूर्ण है कि ज्योतिष शास्त्र भविष्य को सटीकता से देखने में सक्षम है या नहीं?


स्वभाव से बनती है बनावट
दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की राष्ट्रीय सांस्कृतिक विद्यापीठ से देवी प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि व्यक्ति कास्वभाव उसके हाथ की बनावट के लिए जिम्मेदार होता है। हाथ की किसी एक रेखा की वजह से व्यक्ति बीमार या स्वस्थ नहीं होता बल्कि बहुत सी रेखाओं, निशान, अंगुली की लकीरें मिलकर हालात बदलती हैं। रेखाएं भी समय के हिसाब से बदलती रहती हैं। भौतिक स्थिति भी व्यक्ति की स्थिति को प्रभावित करती है। अगर जीवन रेखा को कोई दूसरी रेखा क्रॉस कर दे तो व्यक्ति पर संकट आ सकता है। टूटी हृदय रेखा वाले व्यक्ति को हृदय रोग का खतरा रहता है। साफ रेखाओं, कोमल हाथ वाला व्यक्ति स्वस्थ होता है। रिसर्च में सिर्फ 90 हाथ देखे गए हैं परंतु नए रिसर्च में 2,000 से अधिक हाथ की रेखाओं पर अध्ययन के बाद स्पष्ट नतीजे मिल सकते हैं। सटीक आंकलन के लिए तस्वीरों की बजाए हाथ देखना जरूरी है। एक ही दिशा के पेशैंट्स के हाथ की बजाए चारों दिशाओं के पेशैंट्स के हाथ देखना भी जरूरी है क्योंकि भौतिक स्थिति पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है।

हाथ के आकार बताते हैं मर्ज
जयपुर की जे.आर.आर. यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति विनोद शास्त्री का कहना है कि व्यक्ति के हाथ कई आकार के होते हैं। चतुर्भुज आकार के हाथों वाले व्यक्ति में बीमारी का खतरा होता है। आयातकार हाथ वाली महिला को स्त्री रोग, पुरुष को लिवरी व किडनी रोग की संभावना होती है। अगर हृदय रेखा को शनि की रेखा काट दे तो हृदय रोग का खतरा होता है। हृदय रेखा को सूर्य रेखा काटे तो रोग ठीक हो जाता है।

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