करवाचौथ की रात आपके शहर में कितने बजेगा निकलेगा चांद, पढ़ें

punjabkesari.in Friday, Oct 22, 2021 - 07:07 PM (IST)

जालंधर (ब्यूरो): भारत में त्यौहारों का सीजन शुरू हो चुका है। जैसे ही दशहरा निकला, लोग करवा चौथ की तैयारियों में लग गए। यह एक ऐसा त्यौहार है, जहां विवाहिता औरतें अपने पति की लम्बी और खुशहाल जिंदगी के लिए व्रत रखती हैं। यदि आप करवा चौथ वाले दिन चांद निकलने का समय ढूंढ रहे हो तो हम आपके लिए मुहूर्त लेकर आए हैं। हम आपको इस पोस्ट के द्वारा जालंधर, दिल्ली, गुरुग्राम, अम्बाला, लुधियाना और चंडीगढ़ आदि शहरों में चांद निकलने के समय बारे बताने जा रहे हैं। सभी शहरों में चांद निकलने का समय अलग-अलग होगा।

आओ जानते हैं बाकी शहरों में चंद्रमा निकलने के समय बारे -

जालंधर -      रात 8:07 वजे
मोगा -          रात 8:10 वजे
लुधियाना -    रात 8:07 वजे
होशियारपुर -  रात 8:05 वजे
पठानकोट -    रात 8:04 वजे
पटियाला -     रात 8:06 वजे
फिरोजपुर -    रात 8:12 वजे
मोहाली -       रात 8:04 वजे
दिल्ली -        रात 8:07 वजे
देहरादून -      रात 8:00 वजे
नाहन -         रात 8:02 वजे
पटना -        रात 7:42 वजे
बीकानेर -     रात 8:25 वजे
बंगलौर -      रात 8:39 वजे
मथुरा -        रात 8:08 वजे
मंडी -         रात 8:01 वजे
मेरठ -         रात 8:04 वजे
मुम्बई -       रात 8:47 वजे
शिमला -      रात 8:01 वजे
वाराणसी -    रात 7:51 वजे
लखनऊ -      रात 7:56 वजे
सोलन -      रात 8:02 वजे
हरिद्वार-       रात 8:00 वजे

करवा चौथ पर कैसे करें पूजा
1. इस दिन प्रातःकाल स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
2. इस व्रत में पानी पीना भी वर्जित है। इसलिए पानी न पीएं।
3. जब पूजा करने बैठो तो मंत्र के जाप के साथ व्रत की शुरूआत करो। यह मंत्र है: 'मम सुखसौभागयर पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्रापत्य कर्क चतुर्थी वरतमहम करीशय।'
4. इसके बाद मां पार्वती का सुहाग सामग्री आदि के साथ श्रंगार करो।
5. श्रंगार के बाद भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करो और कोरे करवे में पानी भर कर पूजा करो। यहां करवे में पानी रखना जरूरी है।
6. पूरे दिन का व्रत रखो और व्रत की कथा सुनो।
7. रात को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही अपने पति के साथ व्रत खोलें। इस दौरान पति हाथों ही अन्न और जल ग्रहण करो।
8. व्रत तोड़ने के बाद पत्नी, सास-ससुर सबका आशीर्वाद लें और व्रत को समाप्त करें

क्या है इस त्यौहार का महत्व
करवा चौथ का व्रत पति और पत्नी के रिश्तों की खुशहाली के लिए मनाया जाता है। इस दिन विधिपूवर्क पूजा करने के साथ वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। औरतें पति की लम्बी उम्र और सफलता के लिए यह व्रत रखतीं हैं। इस दिन सुहागिनें बिना कुछ खाए-पीए करवा चौथ का व्रत करती हैं।

करवा चौथ व्रत की कहानी
पौराणिक कथा अनुसार, जब देवता और दैत्यों के बीच जंग शुरू हुई तो ब्रह्मा जी ने देवताओं की पत्नियों को करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कहा था। मान्यता अनुसार इसी दिन से करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा शुरू हुई। यह भी बताया गया है कि भगवान शिव जी को प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने भी यह व्रत रखा था।

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Content Writer

Subhash Kapoor