अफवाहों से बचें, पैकेट वाले दूध और अखबार से नहीं फैलता कोरोना

punjabkesari.in Friday, Mar 20, 2020 - 08:16 AM (IST)

जालंधर(मृदुल): कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में जहां एक तरफ तरह-तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है, वहीं दूसरी ओर सरकार बार-बार इन अफवाहों से बचने के लिए नोटीफिकेशन जारी कर रही है। आजकल व्हाट्सएप्प ग्रुपों में एक अफवाह फैलाई जा रही है कि दूध का पैकेट लाने, डोरबैल बजाने या अखबार पढ़ने से भी आप कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं। इस बारे में एक्सपर्टस और डॉक्टर्स ने कहा कि यह एक झूठी अफवाह है।

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विशेषज्ञों की मानें तो आप बिना डरे अखबर पढ़ सकते हैं और डोरबैल भी बजा सकते हैं। अगर आपको इस बात का फिर भी डर है तो आप इसे इस्तेमाल करने के बाद अच्छे से हाथ को सैनिटाइजर से साफ कर सकते हैं। सिर्फ भीड़भाड़ वाले इलाकों और संदिग्ध व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। एक शोध के मुताबिक कोरोना वायरस नरम सतह पर 2 दिन और कठोर सतह पर 4 से 9 दिन तक ही रह सकता है। यह वहां के तापमान और आद्रता पर निर्भर करता है।

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लेडी हॉर्डिंग मैडीकल कॉलेज में कम्युनिटी मैडीसिन की एक्सपर्ट डॉ. शिवाजी ने बताया कि दूध के पैकेट या अखबार ऐसी चीजों से वायरस नहीं फैलता है। यह महज एक अफवाह है। लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। कागज के सरफेस से ज्यादा ठोस चीजों पर संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। यह वायरस संक्रमित इंसान से फैलता है, न कि अखबार या अन्य चीजों से। ऐसी कोई स्टडी नहीं है जिससे साबित हो, अखबार या दूध के पैकेट से वायरस फैलता हो। भारत में अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि यहां हर चीज में वायरस का खतरा हो। 

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इस संबंधी एम्स के  डाक्टर कोरोना विजय कुमार का कहना है कि  वायरस संक्रमित इंसान के छींकने या खांसने से फैलता है, इसलिए संक्रमित इंसान से दूरी बनाए रखने की जरूरत है। न कि अखबार या दूध के पैकेट से। लोगों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं। बस उन्हें सतर्कता बरतनी है।
 


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swetha

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