जालंधर की इस डिस्पेंसरी में नहीं मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रशासन सोया गहरी नींद

punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 11:37 AM (IST)

भोगपुर(राजेश सूरी): पंजाब सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करके लोगों को बढ़िया स्वास्थ्य सुविधाओ के किए जा रहे दावों की पोल कम्युनिटी हैल्थ सेंटर काला बकरा और सिविल डिस्पेंसरी भोगपुर खोलते नजर आ रहे हैं। भोगपुर शहर के 13 वार्डों के इलावा 150 के करीब गांवों को स्वास्थ्य सहूलियतें देने वाले इस अकेले सरकारी अस्पताल में अलग-अलग बीमारियों के माहिर डॉक्टरों की कमी के कारण जहां मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भारी रकम खर्च करके निजी डॉक्टरों से अपना इलाज करवाना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों में इलाज महंगा होने के कारण मरीज आर्थिक तंगी का शिकार हो रहे हैं।

प्रतिदिन 400 के करीब ओ.पी.डी. मरीजों की संख्या हुई 100
कम्युनिटी हैल्थ सेंटर काला बकरा में ओ.पी.डी. मरीजों की संख्या जो कि किसी समय 400 मरीज प्रतिदिन होती थी, अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण घटकर 100 के करीब रह गई है। अस्पताल में डाक्टरों की भारी कमी है। दूर-दूर के गांवों से हर रोज़ अपना इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीज अस्पताल में कई प्रकार के डॉक्टर न होने के कारण हर रोज निराश होते हैं।

डैंटल सर्जन को आठ महीनों से जालंधर सेंपलिंग के लिए किया तैनात
काला बकरा अस्पताल के डैंटल विभाग में तैनात डैंटल सर्जन को आठ महीने पहले कोरोना महामारी के चलते जालंधर में कोरोना सेंपलिंग के लिए लगाया गया था लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी डैंटल सर्जन को वापिस काला बकरा न भेजे जाने के कारण दांतों की बीमारियों से पीड़ित रोगी को हर रोज़ परेशानियों का सामना करना पड़ता है। निजी डॉक्टरों को भारी फीसें देने से असमर्थ रोगी इलाज न मिलने से परेशान हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग कुंभकरनी नींद सोया हुआ है।

भोगपुर डिस्पेंसरी में पिछले कई महीनों से नहीं है मैडीकल अफसर
भोगपुर शहर और ब्लाक के कई गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सहूलियतें देने के लिए पंजाब सरकार का एक मात्र प्रयास सिविल डिस्पेंसरी भोगपुर भी आम लोगों के लिए सफेद हाथी बन कर रह गई है। कई महीने पहले इस डिस्पेंसरी में तैनात मैडीकल अफ़सर डा. रिचर्ड ओहरी की सीनियर मैडीकल अफ़सर के तौर पर तरक्की होने के बाद उनका तबादला महतपुर कर दिया गया लेकिन उनकी जगह किसी और मैडीकल अफ़सर की स्थाई तैनाती करने संबंधी सत्ताधारी पार्टी के किसी नेता या सीनियर अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। हलका आदमपुर के विधायक पवन कुमार टीनू द्वारा इस डिस्पेंसरी को 20 बिस्तरों का अस्पताल बनाने के लिए उस समय की अकाली सरकार से फंड जारी करवाए थे लेकिन पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस डिस्पेंसरी को अस्पताल बनाने का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। एस.एम.ओ. काला बकरा द्वारा अलग-अलग सब केन्द्रों में तैनात कम्युनिटी हैल्थ अफसरों को हर हफ्ते दो-दो दिन के लिए इस डिस्पेंसरी में आरजी रूप से तैनात करके लोगों को कुछ राहत दी जा रही है। 

काला बकरा अस्पताल में डाक्टरों की चार पोस्टें खाली
सरकारी अस्पताल में इस समय अलग-अलग बीमारियों के माहिर चार डाक्टरों की पोस्टें खाली हैं। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण बेबस मरीजों को निजी अस्पतालों और निजी डाक्टरों की सेवाएं लेनी पड़ रही हैं जिस कारण मरीज़ आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। जरुरतमंद मरीज़ों के लिए वरदान साबित होने वाले काला बकरा अस्पताल में डाक्टर न होने का नतीजा गरीब जनता भुगत रही है परन्तु सरकार और सत्ताधारी पार्टी की नुमाइंदगी करने वाले नेताओं द्वारा इस समस्या की तरफ ध्यान न दिए जाने के कारण आम लोगों में सरकार प्रति रोष पाया जा रहा है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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