कुवैत में फंसे लोगों का बुरा हाल, जबरन बिना पढ़े फार्म पर दस्तखत करवा रही कंपनी
punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 07:16 PM (IST)
माछीवाड़ा साहिब,(टक्कर, सचदेवा): कोरोना महामारी के कारण कुवैत में पिछले 3 महीनों से बेरोजगार फंसे सैंकड़ों पंजाबी वतन वापिसी के लिए भारत की केंद्र और पंजाब सरकार की तरफ आशा लगाए बैठे है कि परन्तु अभी तक किसी ने भी उनका हाल तक नहीं पूछा है। आज वहां यह हालात हो गए हैं कि इन पंजाबी नौजवानों को कुवैत की कंपनियां धमकाने लग पड़ीं हैं।
कुवैत में फंसे पंजाबी नौजवानों ने आज बताया कि जब वह कंपनी आधिकारियों से अपना पासपोर्ट वापिस मांगते हैं तो आगे से उनको धमकाया जाता है और जबरन बिना पढ़े फार्मों पर दस्तख़त करवाए जा रहे हैं जिससे यहाँ फंसे नौजवान अपनी वेतन के लिए कोई दावा न कर सकें। इन पंजाबी नौजवानों ने वीडियो जारी करते बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह भारत वापसी के लिए और यहाँ कंपनी से अपनी वेतन के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। उस दिन से न ही सरकार ने कोई पूछताछ की है बल्कि यहाँ की कंपनी के कर्मचारी और अत्याचार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी दौरान पहले तो कंपनी बढ़िया खाना देती रही परन्तु अब पिछले कुछ दिनों से सिर्फ एक बार खाना दिया जाता है जिस का कोई भी समय नहीं, इसलिए सभी नौजवान रात समय भूखे सोते हैं। नौजवानों ने बताया कि कंपनी की तरफ से किसी भी बीमार को मेडिकल सुविधा नहीं दी जा रही है और जो उनके पास पैसा था वह खत्म हो चुका है, जिस कारण यहाँ फंसे पंजाबी नौजवानों के हालात बदतर हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की एम्बैसी और पंजाब के राजनितिक नेताओं ने यहाँ से निकालने के लिए किसी ने भी कोई प्रयास नहीं किया। इन नौजवानों ने कहा कि हैरानी की बात है कि हम पंजाब के पुत्र हैं परन्तु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, ऐम.पी. भगवंत मान और भारतीय दूतावास को हमारी कुवैत में बदतर हालत दिखाई क्यों नहीं दे रही। फिलहाल पंजाब से सिर्फ़ पूर्व विधायक और अकाली नेता इंद्र इकबाल सिंह अटवाल ने उनका फोन पर हालचाल पूछा और कुछ भरोसा दिया परन्तु जब तक वह भारत अपने परिवारों के पास नहीं पहुंच जाते तब तक बुरे हालातों में ही दिन काटने के लिए मजबूर हैं।