बिजली माफिया के साथ बादल और कैप्टन की सांठ-गांठ: AAP

punjabkesari.in Thursday, Jan 02, 2020 - 12:10 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कहा कि सरकारी सरप्रस्ती तले संगठित बिजली माफिया के हाथों हर बिजली खपतकार की लूट बारे अकाली-भाजपा और सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं को मगरमच्छ के आंसू बहाने का कोई हक नहीं है। राजभाग का आनंद लेने वाले सियासतदान बिजली माफिया के साथ पूरी तरह से मिले हुए हैं। 

‘आप’ बिजली मोर्चे की कमान संभाल रहे विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर, मुख्य प्रवक्ता प्रो. बलजिंद्र कौर, रुपिंद्र कौर रूबी, एस.सी. विंग के प्रधान मनजीत सिंह बिलासपुर, सह-प्रधान कुलवंत सिंह पंडोरी और एन.आर.आई. विंग के प्रधान जै किशन सिंह रोड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ के इरादे पंजाबियों और पंजाब हितैषी होते तो सत्ता संभालते ही 6 माह के अंदर-अंदर दरों में राहत देते। इसके लिए भले ही पावरकॉम (पी.एस.पी.सी.एल.) और निजी थर्मल प्लांटों के बीच बिजली खरीद समझौते (पी.पी.एज) की भरोसेयोग संस्थान से निष्पक्ष और पारदर्शी ऑडिट करवा लिया होता, परंतु ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि कैप्टन सरकार भी बादलों के पद चिह्नों पर चल बिजली माफिया का हिस्सा बन गई। जिसे सुखबीर बादल ने सरकारी थर्मल प्लांटों की बलि देकर पैदा किया और बिजली सरप्लस के नाम पर पाला। नतीजे के तौर पर अब आम घरेलू परिवार को प्रति यूनिट 9 रुपए बिजली मिल रही है।

पूर्व बिजली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को घेरते मीत ने कहा कि वह सिर्फ कांग्रेसी मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और पावरकॉम के मौजूदा चेयरमैन बलदेव सिंह सरां विरुद्ध ही जांच क्यों मांग रहे हैं? ‘आप’ नेताओं ने दावा किया कि सरकार और बिजली माफिया की अंधी लूट विरुद्ध ‘आप’ के बिजली मोर्चे ने लोगों की लामबंदी करने में बड़ी भूमिका निभाई है, नतीजे के तौर पर महंगी बिजली का मुद्दा पंजाब का केंद्रीय मुद्दा बन गया है जिससे न केवल कैप्टन सरकार बल्कि सुखबीर सिंह बादल एंड कंपनी भी घबरा गई है। आम लोगों का ध्यान अपने से हटाने के लिए सुखबीर बादल ने सिकंदर सिंह मलूका से बयानबाजी करवानी शुरू कर दी है, ताकि महंगी बिजली और माफिया का मुद्दा सिकंदर सिंह मलूका और गुरप्रीत सिंह कांगड़ के चुनाव क्षेत्र रामपुरा फूल तक सिमट कर रह जाए परंतु सुखबीर सिंह बादल अपने ‘जी हजूर’ सिकंदर सिंह मलूका पर गलत दाव लगा बैठे, क्योंकि बिजली मंत्री होते सिकंदर सिंह मलूका भी ट्रांसफॉर्मर और मीटर माफिया पालने के दोषों में दागी हैं और लोगों को वह दोष अभी भी भूले नहीं। 

Vatika