सुखबीर-मजीठिया के बाद बड़े बादल पर बरसे ब्रह्मपुरा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 01:50 PM (IST)

अमृतसरःअकाली दल की कोर कमेटी से इस्तीफा देने तथा तरनतारन के चोला साहिब में शक्ति प्रदर्शन करने के बाद खड़ूर साहिब से सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा बादल परिवार के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। सुखबीर तथा मजीठिया के बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर बरगाड़ी कांड मामले में गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बादल बार-बार निराधार बयान देकर कह रहे हैं कि बेअदबी घटनाओं को लेकर बरगाड़ी गांव में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी पंजाब का शांतिपूर्ण माहौल खराब करना चाहते थे। क्या उनके पास इस बात का कोई सुबूत है।

उन्होंने 84 दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने तथा 12 कक्षा की इतिहास की किताब से छेड़छाड़ मामले को लेकर सुखबीर के विरोध को केवल पाखंड बताया। सिख नरसंहार पर आंदोलन का कोई मतलब नहीं है। सबको पता है कि अपराधी कौन है। अगर सुखबीर सच में दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाना चाहते हैं तो उन्हें न्याय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस बात का दवाब डालने के साथ अपनी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को भी केंद्रीय मंत्री का पद छोड़न का कहना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि अब तक ब्रह्मपुरा शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल और उनके साले बिक्रम सिंह मजीठिया को ही घेरते आ रहे थे। पर यह पहली बार है जब उन्होंने बड़े बादल पर भी निशाना साधा है।  टकसाली नेता पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुई बेअदबी की घटनाओं तथा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी देने से खफा है। इसी कारण ब्रह्मपुरा ने सांसद रतन सिंह अजनाला तथा पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां के साथ सुखबीर तथा मजीठिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। हालांकि उन्होंने अकाल तख्त के समानांतर जत्थेदार ध्यान सिंह मंड के नेतृत्व में बरगाड़ी में किए जा रहे विरोध में शामिल होने के लिए अब तक कोई योजना नहीं बनाई है। 

दीवाली के बाद बनाएंगे अगली रणनीति

 वहीं ब्रह्मपुरा ने कहा कि अपनी अगली रणनीति दीवाली के बाद बनाएंगे। अब वह शिअद प्रधान सुखबीर बादल के नेतृत्व में काम नहीं करेंगे। अभी वह अकाली दल के साथ हैं। पर पता नहीं उन्हें कब सेऱवां की तरह पार्टी से निकाल दिया जाए। 


 

 

swetha