मौसम के बदलते तेवर देख किसानों की फूली सांसें

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 01:29 PM (IST)

लुधियाना (खुराना): राज्य में जैसे-2 मौसम करवट लेता जा रहा है। वैसे-2 , किसानों की सांसें फुलती जा रही हैं, क्योंकि उनके खेतों में गेहूं की फसल पूरी तरह से पककर तैयार खड़ी है, जोकि कड़ी मेहनत का नतीजा है। आसमान में छाये काले घने बादलों को देख बरसात पडऩे की आशंका से उनके चेहरों पर खौफ की लकीरें हैं। जिसका मुख्य कारण यह कहा जा सकता है कि राज्य के अधिकतर किसानों के घरों में बजने वाली विवाह-शादियों की शहनाइयां, उनके सपने व आशाएं सब कुछ उनके द्वारा पैदा की जाने वाली फसलों व उनकी खरीद से होने वाली आमदनी पर ही टिका रहता है।नगर में हुई आज दोपहर हल्की बरसात दौरान कुछ ऐसे ही किसानों का हाल जानने के लिए पंजाब केसरी द्वारा उनके खेतों का दौरा कर किसानों की हाल जानने की कोशिश की गई जिसे हमारे छायाकार ने अपने कैमरे में कैद किया है।

आसमान में बादल देखकर कलेजा मुंह में आ जाता है
फिरोजपुर रोड स्थित बदेवाल गांव के नजदीक गरीब किसान करनैल सिंह ने बताया कि खेतों में उनकी फसल पूरी तरह से पक कर तैयार खड़ी है जो कि बैसाखी के आस पास काटी जाएगी, लेकिन इस दौरान आज जब आसमान ने काले बादलों की चादर ओढ़ ली तो बरसात पडऩे के डर से उनका व परिवार का कलेजा मुंह को आने लगा। करनैल सिंह ने कहा कि हम चाहे कर कुछ सकते नहीं हैं, लेकिन फिर भी वाहे गुरु  के पास अरदास तो जरूर करेंगे। 

सच्चे पातशाह मेहर करीं
हम्बड़ा रोड पर पड़ते एक खेत में खड़े बुजुर्ग किसान के चेहरे पर छाया खौफ खुद उनकी ङ्क्षचता व दर्द को बयां कर रहा है। जो कि खुले आसमान में हाथ जोड़े अरदास कर रहा था कि ‘‘सच्चे पातशाह मेहर करीं’’ फसल को बरसात की मार से बचा लेना क्योंकि यह ही गरीब किसानों का सहारा है। जिस के सहारे उन्होंने अपने ब"ाों का पालन पोषण, पढ़ाई लिखाई व अन्य प्रकार के घरेलू खर्चे चलाने हैं। उन्होंने बताया सारा साल व इस आस पर आढ़तियों से उधार में पैसे लेकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं कि जब गेहूं या धान की अ‘छी फसल होगी तो वह अपने सिर पर लदा सारा कर्ज अदा कर देंगे।

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