SGPC की पुस्तक विवादों में, सिरसा ने सुनाई खरी-खोटी

punjabkesari.in Saturday, Nov 03, 2018 - 10:58 AM (IST)

अमृतसर (ममता): लोक कल्याण इंसाफ वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान और दल खालसा नेता बलदेव सिंह सिरसा ने सुखबीर बादल द्वारा पंजाब सरकार की तरफ से प्रकाशित इतिहास की किताबों को लेकर लगाए गए धरने को नाटक करार देते कहा कि यह सब शिरोमणि अकाली दल (शिअद) द्वारा बरगाड़ी मोर्चे की बौखलाहट कारण संगत का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। वह शिअद द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ उठाए कदम का स्वागत करते हैं । इसके साथ ही वह यह भी पूछना चाहते हैं कि जिन्होंने गुरु साहिब को चोर लुटेरे और डाकू करार देकर पंथक हृदय को ठेस पहुंचाई है। उनके खिलाफ अकाली दल क्या कार्रवाई कर रहा है। 

पत्रकारों से बातचीत करते सिरसा ने कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रकाशित किताबें जिनमें गुरु साहिब प्रति बहुत भद्दी शब्दावली इस्तेमाल की गई।  वह इस संबंधी कई बार ज्ञापन भी दे चुके हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई इतिहास की पुस्तक का सिलेबस सैट करने वाली कमेटी का नेतृत्व डा. कृपाल सिंह कर रहे हैं जो शिरोमणि कमेटी के सलाहकार के तौर पर भी काम करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सिलेबस सैट किया गया था तो सिलैक्शन कमेटी में शिरोमणि कमेटी के 2 मैंबर भी शामिल थे जिनकी सहमति के साथ ही सिलेबस बनाया गया है। सिरसा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने गत दिवस जो अरदास की है उसमें बरगाड़ी का कउन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रकाशित आपत्तिजनक किताबों के दोषी और समकालीन शिरोमणि कमेटी के प्रधान और पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर, अवतार सिंह मक्कड़ और गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल के खिलाफ कार्रवाई करें जिनके कार्यकाल में ऐतराज योग्य किताबें छापी गई हैं। 

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