बलवंत सिंह राजोआना की सजा माफी संबंधी आर्डर नहीं पहुंचे पटियाला जेल

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 11:44 AM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र): पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कत्ल के दोष में केंद्रीय जेल पटियाला में बंद बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा माफी बारे फैसले की कापी केंद्रीय जेल पटियाला नहीं पहुंची। जबकि जिन दूसरे कैदियों की माफी हुई है, उनमें से 3 केंद्रीय जेल पटियाला में बंद हैं। उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में तबदील करने के साथ-साथ 3 अन्य कैदियों को रिहाई की राहत मिली थी। इनमें से नन्द सिंह और सुबेग सिंह की रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है।  जेल प्रशासन जमानती बांड का इंतजार कर रहा है। जबकि लाल सिंह के खिलाफ अभी 2 मामलों का फैसला होना बाकी है, इसलिए अभी उसकी रिहाई भी नहीं हो सकती। जब दोनों मामलों का फैसला आ जाएगा तो उसकी रिहाई का भी रास्ता साफ हो जाएगा।

बलवंत सिंह राजोआना को साल 2007 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद मार्च 2012 में राजोआना को फांसी देने के आदेश जारी कर दिए गए थे, परन्तु मानवाधिकार संगठनों और सिख संगत के विरोध को देखते हुए उस समय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से राष्ट्रपति को फांसी की सजा माफ करने के लिए अपील की गई थी। यह फैसला लम्बे समय तक लटकता रहा और आखिर केंद्र सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में तबदील करने का ऐलान कर दिया। 

अकाली दल ने राजोआना की सजा माफी का किया स्वागत
शिरोमणि अकाली दल ने एन.डी.ए. सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर एक ‘मानवीय रुख’ अपनाते हुए बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार सिखों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगा। अकाली दल के वरिष्ठ नेता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह फैसला सिखों की जख्मी भावनाओं पर मरहम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

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