पंजाब वासी ध्यान दें! इन चीजों के इस्तेमाल पर लगा Ban
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 04:38 PM (IST)

मोगा(बिन्दा): जि़ला मजिस्ट्रेट-सह-उपायुक्त मोगा सागर सेतिया ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मोगा में लाउडस्पीकर, ऑर्केस्ट्रा और अन्य ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करने वाले उपकरणों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन प्रतिबंध आदेशों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम-2000 के प्रावधानों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के बिना ऐसे किसी भी उपकरण या ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करने वाली सामग्री का उपयोग नहीं करेगा, जिसकी ध्वनि उसकी सीमा के बाहर सुनी जा सकती हो। हालांकि यह आदेश उन लाउडस्पीकरों पर लागू नहीं होगा जिनका उपयोग आधिकारिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ऑर्केस्ट्रा बैण्ड, डीजे, लाउडस्पीकर/एम्पलीफायर/ढोल, नगाड़े एवं अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण (सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर) बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग करना चाहता है तो वह संबंधित उप-विभागीय मजिस्ट्रेट की अनुमति के पश्चात ही प्रयोग किया जा सकेगा। किसी भी स्थान पर प्रयुक्त होने वाले लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि की ध्वनि सीमा 10 डीबी(ए) एवं 75 डीबी(ए) (संबंधित स्थान के ध्वनि मानक के अनुसार) से अधिक नहीं होगी। यह आदेश सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध केवल रंग उत्पन्न करने वाले पटाखों पर ही लागू नहीं होगा। प्रेशर हॉर्न/हूटर एवं अन्य ऐसे हॉर्न जो अत्यधिक ध्वनि (निर्धारित सीमा से अधिक) उत्पन्न करते हैं, बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मैरिज पैलेसों में लगे लाउड स्पीकरों की आवाज मैरिज पैलेस से बाहर नहीं जानी चाहिए। इसका उल्लंघन होने पर संबंधित ऑर्केस्ट्रा, डीजे व मैरिज पैलेस आदि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि लाउड स्पीकरों के कारण वृद्ध व बीमार व्यक्तियों तथा विद्यार्थियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। ध्वनि व प्रदूषण के कारण आम लोगों की मानसिकता व बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के अलावा, लाउड स्पीकरों के अनाधिकृत उपयोग से उत्पन्न होने वाले संभावित कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए ये आदेश जारी किए गए हैं। ये आदेश 31 अक्टूबर, 2025 तक लागू रहेंगे।
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