बंदा बहादुर और महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को बनाया था मजबूत राज्य, अंग्रेज भी डरते थे लड़ने से

punjabkesari.in Wednesday, Oct 31, 2018 - 04:53 PM (IST)

जालंधर: पंजाब से हिमाचल और हरियाणा को अलग करने के बाद 1 नवंबर 1966 को इस राज्य को एक नई पहचान मिली थी। इस मौके पर आपको punjabkesari.in बताने जा रहा है कि पंजाब की आधारशिला रखने में बंदा सिंह बहादुर और महाराजा रणजीत सिंह के योगदान के बारे में।

उन्होंने सिखों के साथ मिलकर पंजाब के पूर्वी हिस्से को मुगलों से आजाद करवा लिया था। 1716 में बंदा सिंह बहादुर के बलिदान के बाद महाराजा रणजीत सिंह ने 1780 से 1839 तक पंजाब को एक मजबूत राज्य बनाया। इस दौरान पंजाब में मुल्तान, कश्मीर और पेशावर के पड़ोसी प्रांतों को शामिल कर लिया। पंजाब इतना शक्तिशाली राज्य बन गया था कि अंग्रेज भी लोहा लेने से डरते थे। 

महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद 1849 में पंजाब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन हो गया। राजकुमार दलीप सिंह को ईसाई बना कर इंग्लैंड भेज दिया गया। लाहौर दरबार की सम्पत्तियां नीलाम कर दी गईं। कोहिनूर हीरा ब्रिटिश ताज की शोभा बढ़ाने के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया। पंजाब में पांच नदियों का जल मिलता था, जिससे इसे पंजाब कहा गया है। यहां झेलम, चिनाब, सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का संगम था। चंडीगढ़ शहर पंजाब की राजधानी है। पंजाब के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है।

पंजाब राज्य में कुल 22 जिले हैं। पंजाब को मालवा, माझा और दोआबा नाम के तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। यहां ज्यादातर पंजाबी भाषा ही बोली जाती है। राज्य में भांगड़ा नृत्य प्रसिद्ध है, जिसकी उत्पत्ति पंजाब में ही हुई। वर्तमान में पंजाब के ज्यादातर क्षेत्र में सिख धर्म के लोग रहते हैं, हिंदू धर्म के लोगों की संख्या यहां कम है। पंजाब की कुल जनसंख्या के 2/5 भाग में हिंदू रहते हैं। पंजाबी ही पंजाब की अाधिकारिक भाषा है। 

 

Suraj Thakur