बरगाड़ी गोलीकांड : मृतकों के परिवारों ने कहा-कातिलों को मिले सजा

punjabkesari.in Sunday, Oct 14, 2018 - 08:31 AM (IST)

चंडीगढ़/फरीदकोट(अश्विनी, हाली):14 अक्तूबर 2015 को घटे बरगाड़ी गोली कांड में मारे गए भाई कृष्ण भगवान सिंह निवासी बहबल जिला फरीदकोट और भाई गुरजीत सिंह निवासी सरावां जिला फरीदकोट के परिवार वाले लगभग 3 सालों से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। बेशक समय की सरकारों ने परिवार वालों के जख्मों पर मरहम लगाया है, परन्तु फिर भी वह घाव अभी रिस रहे हैं। दोनों परिवारों के सदस्य सरकार से जोरदार मांग कर रहे हैं कि उनके पुत्रों के कातिलों को जल्द जेल की सलाखों पीछे बंद किया जाए। तीसरी बरसी मौके पर इंसाफ मोर्चे की अगुवाई में श्रद्धांजलि समागम बरगाड़ी की दाना मंडी में 14 अक्तूबर को करवाया जा रहा है।

पहली घटना 
एफ.आई.आर नंबर : 63
तारीख : 2 जून, 2015
थाना : बाजाखाना, जिला फरीदकोट
मामला : श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी

दूसरी घटना
एफ.आई.आर. नंबर : 117 
तारीख : 25 सितम्बर, 2015 
थाना : बाजाखाना, जिला फरीदकोट
मामला : श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर अभद्र टिप्पणियां करने वाले पोस्टर्स संबंधी/संत दादूवाल और संत ढडरियां वाले के खिलाफ अपशब्द संबंधी/चोरी हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब को खोज निकालने की चुनौती संबंधी

तीसरी घटना
एफ.आई.आर. नंबर : 128  
तारीख : 12 अक्तूबर, 2015 
थाना : बाजाखाना, जिला फरीदकोट
मामला : गांव बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग भंग संबंधी/गुरु साहिब के अंगों को भंग करके गली में फैंका गया

ऐसे शुरू हुआ प्रदर्शन

श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंगों को भंग करके गलियों में फैंकने की बात सिख समुदाय के कानों में पड़ी तो सिख समुदाय आक्रोश से भर गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी के बाद उसे ढूंढ पाने में पुलिस की नाकामी ने इस आग में घी का काम किया। नतीजतन सिख संगठनों ने कोटकपूरा चौक में प्रदर्शन चालू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक दोषी काबू नहीं किए जाते, प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके बाद प्रदर्शन आगे बढ़ता गया। उग्र घटनाओं का सिलसिला चालू हुआ। पुलिस ने कोटकपूरा व बहबल कलां में फायरिंग की, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई और कई गंभीर रूप से घायल हुए।

रिटायर्ड जस्टिस जोरा सिंह कमीशन 
*16 अक्तूबर, 2015 को जोरा सिंह कमीशन बना

 कार्य :
*फरीदकोट में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की जांच
*फरीदकोट के गांव बहबल कलां में 14 अक्तूबर, 2015 को हुई फायरिंग में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत संबंधी जांच
*कोटकपूरा चौक में 14 अक्तूबर, 2015 को हुई फायरिंग की जांच

रिपोर्ट :
*51 पन्नों की रिपोर्ट
*206 गवाहों की गवाही

कमीशन की सिफारिश  
*बहबल कलां गोलीकांड में पंजाब सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ 6 माह के भीतर चार्जशीट दायर करे।
*बेअदबी की घटनाओं संबंधी जांच-पड़ताल सी.बी.आई. मुकम्मल करे।
*कोटकपूरा चौक पर पुलिस फायरिंग के दौरान जख्मी हुए अजीत सिंह पुत्र अवतार सिंह को पंजाब सरकार 6 महीने के भीतर 10 लाख रुपए मुआवजा देने के साथ-साथ रोजगार मुहैया करवाए।
*पुलिस फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हुए बेअंत सिंह पुत्र बलकरन सिंह को पंजाब सरकार 6 महीने के भीतर 10 लाख रुपए मुआवजा और रोजगार मुहैया करवाए।
*मृतक कृष्ण भगवान सिंह के परिवार को पंजाब सरकार 
25 लाख रुपए मुआवजा और पारिवारिक सदस्य को 
रोजगार मुहैया करवाए।
*पंजाब सरकार जल्द से जल्द क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन करे ताकि कोटकपूरा और बहबल कलां में सिख संगत के वाहनों व अन्य वित्तीय नुक्सान की भरपाई हो सके।फरीदकोट और मोगा में पब्लिक हीयरिंग 

कमीशन का निष्कर्ष
*बहबल कलां और कोटकपूरा में हुआ गोलीकांड अधिकारियों की नालायकी के कारण हुआ।
*जोरा सिंह कमीशन के समक्ष 2 मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए डा. राजीव जोशी ने जवाब दिया कि दोनों मौतें बेहद नजदीक से गोली चलाने के कारण हुईं, गोली चलाने वाला एक यार्ड से भी कम दूरी पर खड़ा था।
*मृतक कृष्ण भगवान सिंह पर जब गोली चलाई गई तो वह नीचे बैठा हुआ था जबकि गोली चलाने वाले ने ऊपर खड़े होकर फायर किया।
*मृतक गुरजीत सिंह की भी मौत तब हुई जब वह नीचे बैठा हुआ था और गोली चलाने वाला खड़ा था।
*जब गोली चलाई गई तो कृष्ण भगवान सिंह और गुरजीत सिंह अपनी सुरक्षा करने में असक्षम थे और उनके पास कोई हथियार भी नहीं था।
*पुलिस की गोलीबारी के कारण ही कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से जख्मी भी हुए।

शिअद-भाजपा का रवैया उदासीन
पूर्व शिअद-भाजपा सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस जोरा सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर गंभीरता नहीं दिखाई। 30 जून, 2016 को जब रिटायर्ड जस्टिस जोरा सिंह रिपोर्ट लेकर पंजाब सचिवालय पहुंचे तो तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तक इस रिपोर्ट को लेने नहीं पहुंचे। अलबत्ता तत्कालीन चीफ सैक्रेटरी सर्वेश कौशल भी देर शाम तक ऑफिस से गायब रहे। जस्टिस जोरा सिंह ने करीब 20 मिनट तक इंतजार किया तो मौके पर पहुंचे एक क्लर्क ने जस्टिस से आग्रह किया कि वह अपनी रिपोर्ट उसे सौंप दें। जस्टिस ने रिपोर्ट देने से मना कर दिया तो स्पैशल सैक्रेटरी प्रोटोकॉल जस्टिस जोरा सिंह को मनाने पहुंचे। 


रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन

*पार्ट 1 : गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला, बरगाड़ी, गुरुसर, मल्लके में धार्मिक बेअदबी की घटनाएं और कोटकपूरा व बहबल कलां में पुलिस फायरिंग की घटनाएं
*पार्ट 2 : एस.ए.एस. नगर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर और पटियाला जिलों में धार्मिक बेअदबी के मामले
*पार्ट 3 : एस.बी.एस. नगर (नवांशहर) और होशियारपुर में धार्मिक बेअदबी के मामले
*पार्ट 4 : अमृतसर, बठिंडा, बरनाला, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में धार्मिक बेअदबी के मामले

रिपोर्ट

*30 जून, 2018 को 182 पन्नों की पार्ट-1 रिपोर्ट पेश 
*16 अगस्त, 2018 को 71 पन्नों की पार्ट-2 रिपोर्ट पेश
*16 अगस्त, 2018 को 53 पन्नों की पार्ट-3 रिपोर्ट पेश
*16 अगस्त, 2018 को 249 पन्नों की पार्ट-4 रिपोर्ट पेश

विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट
27 अगस्त, 2018 को रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई। 4 हिस्सों में विभाजित इस रिपोर्ट में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के अलावा श्रीमद् भागवत गीता और पवित्र कुरान शरीफ की बेअदबी से जुड़े मामलों की विस्तृत जांच का ब्यौरा दिया गया है। इसी के साथ इंक्वायरी कमीशन द्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर दी गई एक्शनटेकन रिपोर्ट को भी सदन की मेज पर रखा गया जिसमें कई पुलिस अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश का ब्यौरा दिया गया। 

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को थी पूरी जानकारी 

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले को लेकर रोष जता रही सिख संगत पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग की पूरी जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को थी। रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह इंक्वायरी कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में इसका विस्तृत ब्यौरा दिया है। गांव बुर्ज जवाहर वाला, बरगाड़ी, गुरुसर और गांव मल्लके में बेअदबी की घटनाओं और कोटकपूरा व बहबल कलां में गोलीकांड पर तैयार पहली फाइनल रिपोर्ट पर आधारित सप्लीमैंटरी रिपोर्ट में कहा गया है कि फरीदकोट जिला प्रशासन पूर्व प्रिंसीपल सैक्रेटरी गगनदीप बराड़ के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ लगातार संपर्क में था। वहीं पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी भी लगातार स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क में थे जिसका ब्यौरा उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को भी दिया। 
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले में इंक्वायरी कमीशन के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है। इंक्वायरी कमीशन की सप्लीमैंटरी रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कमीशन के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। अलबत्ता शिरोमणि अकाली दल ने कमीशन के गठन को ही खारिज कर दिया।

वहीं पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी को कई बार जवाब देने के लिए कहा गया लेकिन 22 नवम्बर, 2017 तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। 19 जून, 2018 को उन्हें फिर से पत्र भेजा गया जिसके जवाब में 3 जुलाई, 2018 को सैनी ने जवाब भेजा। सुमेध सिंह सैनी ने अपने जवाब में बताया कि 14 अक्तूबर, 2015 में प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मचारियों के बीच झड़प हुई थी जिसे स्थानीय अधिकारियों ने कोटकपूरा में मौजूद पुलिस फोर्स के साथ कंट्रोल किया। सैनी ने अपने जवाब में किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लिखा है लेकिन यह बताया कि 13-14 अक्तूबर, 2015 की रात को उन्होंने कोटकपूरा में तैनात अधिकारियों से लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति का जायजा लिया था। इसी दौरान रात 2 बजे पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उन्हें फोन कर कोटकपूरा की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की। 

डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी ने दिया था बल प्रयोग का आदेश
सप्लीमैंटरी रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों को डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी के आदेश पर बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई की गई। इसके लिए आधी रात के समय तत्कालीन एस.एस.पी. फरीदकोट को निर्देश मिले जिसने आगे तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर से बात की। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर ने तत्कालीन कमिश्नर व तत्कालीन विधायक मनतार सिंह बराड़ से भी बात की। इन्होंने आगे पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष सचिव गगनदीप बराड़ से बात की। यह सारा ऑन रिकॉर्ड मौजूद है। गगनदीप बराड़ ने ही मनतार बराड़ की बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से करवाई। सप्लीमैंटरी रिपोर्ट में इन तथ्यों के आधार पर कहा गया है कि प्रकाश सिंह बादल को पूरे मामले की जानकारी थी। जिला प्रशासन ने डी.जी.पी. से स्थिति की संवेदनशीलता संबंधी बात की तो डी.जी.पी. ने स्पष्ट कहा कि उन्हें कोई ङ्क्षचता की जरूरत नहीं, 10 मिनट में धरना स्थल को खाली करवा देंगे।
 
पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी सहित 14 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस 
जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की सिफारिशों पर पंजाब सरकार ने एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार की। इसमें बताया गया है कि पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी सहित 14 पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन अधिकारियों में तत्कालीन तत्कालीन डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी, तत्कालीन एस.एस.पी. मोगा चरणजीत सिंह शर्मा, तत्कालीन डी.आई.जी. फिरोजपुर रेंज अमर सिंह चाहल, तत्कालीन ए.डी.जी.पी. रोहित चौधरी, तत्कालीन एस.एस.पी. मानसा रघुबीर सिंह, तत्कालीन एस.एस.पी. फिरोजपुर हरदयाल सिंह मान, तत्कालीन एस.एस.पी. एस.एस. मान, एम.एस. छीना, तत्कालीन हैड विशेष जांच टीम आई.पी.एस. सहोता, तत्कालीन आई.जी.पी. बठिंडा जतिंद्र जैन, तत्कालीन सी.पी. लुधियाना परमराज सिंह उमरानंगल, तत्कालीन डी.एस.पी. जगदीश बिश्नोई, तत्कालीन एस.पी. बिक्रमजीत सिंह के नाम शामिल हैं। 

सरकार की तरफ से गठित एस.आई.टी. की टीम ने देखा मौका
 श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में दर्ज किए गए जिले के थाना बाजाखाना में केसों की जांच करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से बनाई गई नई स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (सिट)ने फरीदकोट का दौरा किया और इस दौरान टीम केस से संबंधित सभी स्थानों का मौका देखने गई। टीम ने इससे पहले फरीदकोट में पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की और सारी स्थिति का जायजा लिया।

गौरतलब है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अंग गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला से चोरी होने, गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शान के खिलाफ पोस्टर लगाने, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अंगों की बेअदबी करने, बहबल कलां और कोटकपूरा में धरना दे रही सिख संगत पर गोली चलाने के मामलों में जस्टिस रणजीत सिंह की जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करने के लिए सरकार ने पंजाब के सीनियर पुलिस अधिकारियों पर आधारित एक स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम बनाई है। इस टीम के चेयरमैन ए.डी.जी.पी. प्रबोध कुमार, आई.जी. अरुणपाल सिंह, कपूरथला के एस.एस.पी. सतीन्द्र सिंह, पी.आर.टी.सी. जहानखेलां के कमांडर भूपिन्द्र सिंह और कंवर विजय प्रताप सिंह फरीदकोट पहुंचे हुए हैं।  उक्त टीम ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है और पहले दिन सभी घटना स्थलों का मौका देखा। इस समय उनके साथ जिले के सीनियर पुलिस कप्तान राज बहादर सिंह भी मौजूद थे। 

मौजूदा समय में कार्रवाई का इंतजार
पुलिस की स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम अभी तक सभी मामलों की जांच में व्यस्त है। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह इन मामलों पर दो टूक शब्दों में कह चुके हैं कि जांच जारी है और जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री की इस घोषणा से विपरीत विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार जानबूझ कर सख्त कार्रवाई करने से परहेज कर रही है। खासतौर पर आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैहरा सरकार पर सीधे निशाना साध रहे हैं। 7 अक्तूबर, 2018 को आम आदमी पार्टी ने कोटकपूरा-बरगाड़ी तक रोष रैली निकाली जिसमें हजारों की तादाद में लोगों ने भाग लिया। आम आदमी पार्टी ने रैली में भी जोर-शोर से बेअदबी की घटनाओं व गोलीकांड के दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

हाईकोर्ट में गुहार
जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर शुरू की गई जांच के खिलाफ 2 रिटायर्ड एस.एस.पी. समेत 5 पुलिस कर्मी हाईकोर्ट की शरण ले चुके हैं। मामले में हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ आगामी जांच पर स्टे लगाते हुए सरकार से इनके मामलों में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इनमें पूर्व एस.एस.पी. चरणजीत सिंह और रघुबीर सिंह संधू समेत बाजाखाना थाने के पूर्व एस.एच.ओ. अमरजीत सिंह सहित फाजिल्का के तत्कालीन सुपरिंटैंडैंट ऑफ पुलिस बिक्रमजीत सिंह और अन्य पुलिस कर्मी प्रदीप सिंह शामिल हैं।

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