बठिंडा सीट पर कांग्रेस का रास्ता कितना आसान ?

punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2019 - 08:19 AM (IST)

लंबी/मलोट(जुनेजा): पंजाब की सबसे हॉट सीट बनी बठिंडा पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार अमरिंद्र सिंह राजा वडिंग ऐलान कर दिया जबकि अकाली दल द्वारा  का ऐलान किया जाना बाकी है।

अकाली दल का गढ़ रहा है बठिंडा 
चुनावों के इतिहास को देखें तो बठिंडा सीट पर गत पौने 3 दशकों से अकाली दल का कब्जा है व 28 सालों से कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। 1991 के बाद हुए 6 चुनावों में 5 बार अकाली दल का उम्मीदवार इस सीट से जीत चुका है। सिर्फ 1999 में सी.पी.आई. के भान सिंह भोरा ने यहां से चुनाव जीता था। राजनीतिक माहिरों का कहना है कि अकाली दल का गढ़ बन चुकी बठिंडा सीट को जीतना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है।

2012 में राजा वडिंग ने बदले थे समीकरण 
1969 से अकाली दल का गढ़ बने गिद्दड़बाहा में राजा वडिंग ने कैसे सेंध लगाई इसका इतिहास बहुत रोचक है। राजा वडिंग ने गिद्दड़बाहा विधानसभा हलके से 2 बार चुनाव लड़कर जीत हासिल की। श्री मुक्तसर साहिब से यूथ कांग्रेस प्रधान से लेकर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान बने राजा वडिंग की शानदार कारगुजारी रही है। उनको टिकट दिलाने में राहुल गांधी के नजदीकी का हाथ है। यह हलका 1967 में अस्तित्व में आया था जहां प्रकाश सिंह बादल ने 57 वोटों पर हरचरन सिंह बराड़ से हारकर अपना सियासी जीवन शुरू किया। उसके बाद 1969, 1972, 1977, 1980 व 1985 में पहले प्रकाश सिंह बादल ने लगातार 5 बार जीत हासिल की व बाद में 1995, 1997, 2002 व 2007 में 4 बार मनप्रीत सिंह बादल ने जीत हासिल की जिस कारण इस क्षेत्र को राजनीतिक माहिरों ने अकाली दल का गढ़ कह दिया था परंतु 2012 में कांग्रेस के राजा वडिंग ने पहली बार 33 साल की आयु में इस सीट से मनप्रीत सिंह बादल व अकाली टिकट पर लड़ रहे संत सिंह बराड़ को हराकर जीत हासिल की व 2017 में दूसरी बार जीत का परचम लहराया।

*1996 में अकाली दल के हरिंदर सिंह खालसा जीते
*1998 में अकाली दल के चतिन सिंह समाओ जीते
*2004 में परमजीत कौर गुलशन जीतीं
* 2009 में व 2014 केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल जीतीं 
* पिछले चुनावों में यह सीट हरसिमरत कौर बादल ने मनप्रीत सिंह बादल से 19 हजार वोट के फर्क से जीती थी 

swetha