बाढ़ से निपटने के लिए बठिंडा निगम को 48.53 करोड़ जारी: ब्रह्म महिन्द्रा

punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2019 - 08:31 AM (IST)

बठिंड (विजय): स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने बठिंडा में बरसात से हुए नुक्सान का हवाई दौरा कर बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए। फील्ड होस्टल में पत्रकारों को ब्रह्म महिंद्रा व उनके साथ आए जिलाधीश बी. श्रीनिवासन, निगमायुक्त विक्रमजीत सिंह शेरगिल ने बताया कि बठिंडा की समस्याएं, जो दशकों से लंबित पड़ी हुई हैं, उसका निपटारा जल्द होगा, जबकि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए 48.53 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं, जिसका सीवरेज बोर्ड ने टैंडर भी लगा दिया है। बठिंडा में स्लज कैरियर की कमी को दूर किया जाएगा, जल्द ही इस पर काम शुरू होगा।

पूर्व अकाली सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिवेणी जैसी कम्पनी जिसे न तजुर्बा है और न ही काम में दिलचस्पी है, ऐसी कम्पनी को अरबों का ठेका दिया गया, जिसके अनुबंध व शर्तों की समीक्षा की जाएगी। 5 किलोमीटर डिस्पोजल लाइन भी डालने में यह कम्पनी असमर्थ रही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की परियोजना के तहत 48.53 करोड़ रुपए खर्च कर बठिंडा को बाढ़ से राहत मिलेगी।नगर निगम की आमदनी पर उन्होंने कहा कि निगम को &2.81 करोड़ रुपए की आय प्रति वर्ष होती है, जबकि इसका खर्चा 34.35 करोड़ है, जिसमें 2 करोड़ रुपए वार्षिक नुक्सान हो रहा है। इसकी भी समीक्षा होगी।  प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य कर जिन्हें निगम इकट्ठा करने में असमर्थ रहा, के बारे में अधिकारियों को सख्ती से निर्देश जारी किए गए हैं कि हर कीमत में टैक्स के मामले में कोई लापरवाही मंजूर नहीं होगी। 

निगम को आय के स्त्रोत पैदा करने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। संपत्ति टैक्स के बारे में पुन: सर्वेक्षण होगा, जिसमें जो कमियां होंगी पूरी की जाएंगी। अवैध निर्माण व किराएदारों को मालिक बनाने की योजना संबंधी उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया, जिसके लिए एकमुश्त योजना लागू की जा रही है। सबसे अधिक शोर अवैध निर्माण को लेकर पड़ रहा है, इसके लिए सरकार ने इन सभी को रैगुलर करने के लिए जुर्माने सहित वसूली की योजना तैयार की है। पंजाब में नगर निगम व नगर कौंसिलों के कई व्यापारिक स्थल जो दशकों से मामूली किराए पर चढ़े हैं, को मालिकाना हक देने के लिए सरकार एकमुश्त योजना लाएगी। ऐसे में जहां नगर निगम, नगर कौंसिलों की आय में वृद्धि होगी, प्रॉपर्टी टैक्स आएगा, जुर्माना वसूला जाएगा, जिसे शहरों व कस्बों के विकास कार्य पर खर्चा किया जाएगा।

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