अनंतनाग में अपनी शहादत देकर सदा के लिए अमर हो गए हैप्पी सिंह

punjabkesari.in Friday, Sep 28, 2018 - 01:12 PM (IST)

मौड़ मंडी (प्रवीन): श्रीनगर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए गुरुवार सुबह गांव रामनगर का हैप्पी सिंह शहीद हो गया। वह 11 सितम्बर को ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर हाजिर हुआ था लेकिन देश की रक्षा करते हुए उसने शहीदी प्राप्त की। हैप्पी सिंह नरम स्वभाव का मालिक और नशा रहित नौजवान था। वह अभी अविवाहित था। उसमें देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था। 

12वीं परीक्षा पास कर वह 5 वर्ष पहले फौज की 14 सिख लाई रैजीमैंट में भर्ती हुआ था। योग्यता के चलते उसे 19 आर.आर. रैजीमैंट में रखा गया जो आतंकी हमलों को असफल करने के ड्डष्लिए घातक कमांडो फोर्स के रूप में जानी जाती है। श्रीनगर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ सेना की एक बड़ी मुठभेड़ में हैप्पी सिंह अपनी शहादत देकर सदा के लिए अमर हो गया लेकिन शहीद होने से पहले उसने 2 आतंकवादियों को मार गिराया जबकि उसके एक साथी को गोली लगी जो गंभीर रूप से घायल है। हैप्पी सिंह का बड़ा भाई बलजीत सिंह भी भारतीय सेना में लेह-लद्दाख में सेवारत है। शुक्रवार को उसके अंतिम संस्कार में बलजीत सिंह भी शामिल होगा। 

2 वर्ष पहले शहीद की मां का निधन हो चुका है जबकि इसका एक छोटा भाई घर का काम व खेतीबाड़ी करता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार शहीद हैप्पी सिंह का पाॢथव शरीर 28 सितम्बर को रामनगर में पहुंचेगा जहां सेना के बड़े अधिकारी शहीद को सलामी देंगे। हैप्पी के पिता को सूचना नहीं है कि उसका बेटा शहीद हो चुका है, उन्हें यही बताया गया है कि वह जख्मी है।

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