बठिंडा थर्मल प्लांट के 2 यूनिटों की मशीनरी बेचने को सरकार ने मांगे टैंडर

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 09:38 AM (IST)

बठिंडा(विजय): सरकार ने बठिंडा थर्मल के 4 यूनटों में से 2 की मशीनरी बेचने के लिए पहले चरण में निविदा मांगी है। 29 नवम्बर को बड़ी कम्पनियों को अमंत्रित किया है। इसकी पुष्टि थर्मल प्लांट के चीफ  इंजी. एच.डी. गोयल ने की। ऐसे में बठिंडा की विरासत थर्मल प्लांट लुप्त होगी और थर्मल की पहचान भी दम तोड़ देगी। 

झीलों का नजारा देख आनंदमय होते थे बठिंडा आने वाले लोग
बाहर से आने वाले लोग बठिंडा थर्मल की चिमनियों को देखते दंग रह जाते थे बस इतना ही नहीं झीलों का नजारा देखकर आनंदमय होते थे। लेकिन यह पहचान खत्म होने की कगार पर है। सरकार ने इसका फैसला ले लिया है।

300 करोड़ में बेची जा रही है दोनों यूनिटों की मशीनरी
माना जा रहा है कि 300 करोड़ रुपए में दोनों यूनिटों की मशीनरी बेची जाएगी। 3 व 4 नंबर यूनिट की मशीनरी जिसका पूर्व अकाली सरकार ने 2016 में 750 करोड़  रुपए की लागत से नवीकरण करवाया था, को लहरा मुहब्बत गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट में तबदील किया जाएगा।

मनप्रीत बादल के वायदे झूठे साबित
वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने चुनावों के दौरान अपने प्रत्येक भाषण में ऐलान किया था कि वह किसी भी कीमत पर थर्मल की चिमनियों से निकलने वाले धूएं को खत्म नहीं होने देंगे। थर्मल के मामले में उन्होंने पूर्व अकाली सरकार को भी जमकर कोसा था। उनके सभी वायदे झूठे साबित हुए जब जनवरी 2018 में पंजाब सरकार ने एक फैसले के अधीन थर्मल प्लांट को बंद करने का फैसला लिया। इसके बाद थर्मल में काम करने वाले कच्चे व पक्के मुलाजिमों ने धरने प्रदर्शन किए और पंजाब सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। सरकार ने लगभग 7 हजार कर्मचारियों को अन्य विभागों में बदलने की बात भी प्रदर्शनकारियों से की थी। 

कोयले से पड़ती है बिजली मंहगी का तर्क दिया था पंजाब सरकार ने
थर्मल को खत्म करने के पीछे सरकार का तर्क है कि बाहर से खरीदी हुई बिजली सस्ती पड़ती है जबकि कोयले से चलने वाले थर्मल प्लांट से बिजली महंगी प्राप्त होती है। ऐसे में पंजाब सरकार को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

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