सावधान! 7 May को बजेंगे सायरन, बमबारी....ब्लैक आऊट और....

punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 09:39 PM (IST)

पंजाब डैस्क : अगर आप अपने दफ्तर बैठे हैं, स्कूल में हैं या फिर कहीं बाजार में हैं, और एकाएक सायरन बज उठे तो सावधान हो जाएं। सिर्फ सावधान होना है, डरना नहीं है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है जिसमें राज्यों को सतर्क रहने को कहा गया है। इस व्यवस्था का उददेशय आम लोगों को जानकारी मुहैया करवानी है कि अगर युद्ध शुरू हो तो कैसे इसके लिए तैयार रहना है तथा कैसे बचना है। सायरन बजेगा तो बमबारी से लेकर ब्लैक आऊट तक के बारे जानकारी दी जाएगी।

बता दें कि पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे लगातार तनाव के बीच गृह मंत्रालय की तरफ से कड़े आदेश जारी हुए हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आपात स्थिति से निपटने के लिए कई राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल (अभ्यास) आयोजित करने का निर्देश दिए हैं। 

इन सबके बीच देखा जाए तो हालात बिल्कुल सन 1971 वाले बन गए हैं। 1971 में भी सरकार की तरफ से जंग शुरू होने से पहले इस तरह के निर्देश जारी किए गए थे। 1971 में भी इस तरह का अभ्यास कराया गया था जिसके बाद भारत पाकिस्तान के बीच जंग शुरू हो गई थी। इस बार भी तनाव के चलते गत दिवस रविवार को पंजाब के फिरोजपुर में ब्लैकआऊट का अभ्यास किया गया है। फिरोजपुर जोकि पाकिस्तान से लगता इलाका है, जहां पर गत दिवस ब्लैक आऊट का अभ्यास किया गया। बता दें कि हवाई हमले के दौरान इलाके में ब्लैकआऊट कर दिया जाता है ताकि दुश्मन को अपने टार्गेट दिखाई न दे। 

जिक्रयोग्य है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद भारत व पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है और कभी भी युद्ध छिड़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसी के मद्देनजर गृह मंत्रालय की तरफ से भी कई राज्यों को युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए माक ड्रिल यानिकि अभ्यास आयोजित करने के आदेश दिए हैं, ताकि आने वाले समय में यदि किसी गंभीर स्थिति से गुजरना पड़ता है तो आसानी से मुकाबला किया जा सके। 

ड्रिल में क्या होगा? चलिए एक बार गिनते हैं —

हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन की आवाज़ गूंजेगी।

स्कूलों और मोहल्लों में लोगों को सिखाया जाएगा कि बमबारी में कैसे बचा जाए।

ब्लैकआउट यानी अंधेरा करना सिखाया जाएगा ताकि दुश्मन ऊपर से देख न सके।

फैक्ट्रियों और अहम संस्थानों को छिपाने की तरकीबें बताई जाएंगी।

और आख़िर में — निकासी की योजना। यानी जब सब कुछ बिगड़ जाए तो कैसे भागा जाए, इसका अभ्यास।

 


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Content Editor

Subhash Kapoor

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