किसानों की पहली पसंद बन रहा मधुमक्खी पालन का व्यवसाय, ऐसे हो रही कमाई

punjabkesari.in Monday, Dec 11, 2023 - 04:43 PM (IST)

कपूरथला : प्रदेश सरकार जहां किसानों को गेहूं व धान के फसली चक्र से बाहर निकलकर अन्य सहायक व्यवसायों की ओर प्रोत्साहित कर रही है, वहीं उन्हें कृषि के अलावा सूरजमुखी, नरमा, सब्जियों व दालों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। दूसरी ओर, इस क्षेत्र के कुछ किसानों ने खुद को बदलते हुए अन्य सहायक व्यवसायों को अपनाना शुरू कर दिया है। इस व्यवसाय को इस क्षेत्र के कई अन्य किसान एवं आम मजदूर भी अपना रहे हैं। यह बिजनैस कम मेहनत और ज्यादा मुनाफा दे रहा है। क्षेत्र के कई किसान खेती के अलावा रोटी कमाने के लिए व्यवसाय भी कर रहे हैं। इसके तहत किसान भारी मुनाफा कमाकर अपने जीवन को सुख-सुविधाओं से समृद्ध हो रहा है। इन व्यवसायों में मधुमक्खी पालन आज किसानों की पहली पसंद है। इसमें किसान कम राशि निवेश कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इसके लिए किसी विशेष स्थान की आवश्यकता नहीं होती।

इस व्यवसाय से जुड़े किसानों का कहना है कि मधुमक्खी पालन के एक बक्से की कीमत बाजार में 4 से 5 हजार रुपए है। एक डिब्बे में 8 प्लेटें हैं। जिन पर बारीक छेद होते हैं और ये प्लेटें ढकी होती हैं। ये सभी सामान एक डिब्बे में हैं और ये डिब्बा बिहार से लाया गया है। इस व्यवसाय से जुड़े किसानों का कहना है कि बरसात के महीनों में मधुमक्खी इसमें से निकलती है और फूलों से शहद इकट्ठा करती है, जिसके बाद, जब वे शहद इकट्ठा करते हैं तो वे खुद को एक जालीदार कपड़े से ढंक लेते हैं और शहद निकाल लेते हैं।

इस शहद को डिब्बे में छत्तों पर छोड़ दिया जाता है। इसके बाद इन प्लेटों को निकालकर एक गोल मशीन में रखा जाता है और इसे जोर लगाकर घुमाया जाता है, जिससे छत्तों में मौजूद शहद प्लेटों के बीच बने छेद से निकलकर मशीन के नीचे बने ड्रम में इकट्ठा हो जाता है। जिसे बाद में 40 डिग्री तापमान पर गर्म करके बोतलों में भर दिया जाता है जो बाजार में 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। साथ ही किसानों ने बताया कि एक बक्से से करीब 5 से 20 किलो तक शहद निकलता है। किसानों का कहना है कि एक पेटी में 800 से 1000 रुपए का शहद निकल जाता है। एक किलो शहद प्राप्त करने में लगभग 80 से 90 रुपए का खर्च आता है।

उन्होंने कहा कि सरकार को गेहूं, धान और ज्वार की तरह मधुमक्खी शहद बेचने के लिए भी मंडियां बनानी चाहिए और इनके लिए सरकारी मूल्य निर्धारित करना चाहिए। इससे किसान भारी मुनाफा कमा सकते हैं और घाटे के खेती व्यवसाय से छुटकारा पा सकते हैं और इस व्यवसाय से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। किसानों का कहना है कि अगर सरकार इस व्यवसाय को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाये तो इस व्यवसाय की अर्थव्यवस्था को काफी हद तक बढ़ावा मिल सकता है।

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News Editor

Kalash