जाखड़ बताएं, अब निजी बिजली कंपनियों के खिलाफ क्यों नहीं बोलते : भगवंत

punjabkesari.in Monday, Mar 11, 2019 - 10:53 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रधान सांसद भगवंत मान ने बिजली आंदोलन में लोगों की भागीदारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोकतंत्र प्रणाली में जब लोग एकजुट होकर जुड़ते हैं तो बड़े-बड़े तख्त हिल जाते हैं। बिजली आंदोलन के लिए लोगों की लामबंदी ने सरकार को झुका लिया है लेकिन संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक कैप्टन सरकार निजी बिजली कंपनियों के साथ पिछली सरकार के महंगे इकरारनामे रद्द कर लोगों को महंगी दरों से निजात नहीं दिला देती। 

मान ने जारी बयान में आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार ने बादल सरकार वाला रास्ता पकड़ लिया है। बादलों की ओर से सस्ती बिजली पैदा करने वाले सरकारी थर्मल प्लांटों की बलि लेकर दूसरे निजी थर्मल प्लाटों से बेहद महंगी बिजली खरीदने के 25-25 साल के समझौते अपनी हिस्सेदारी की बात पक्की करके किए गए थे। जिसका नतीजा यह निकला कि पंजाब में हर अमीर-गरीब को औसतन 8-10 रुपए प्रति यूनिट बिल आ रहा है, जो पूरे देश में महंगी दर है। समझौते वाजिब दरों पर होते तो आधे मूल्य में बिजली पड़ती और हर साल 2800 करोड़ रुपए का फालतू बोझ पंजाब के बिजली खपतकारों पर न पड़ता।

उन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रधान सांसद सुनील जाखड़ को पूछा कि 2017 के चुनाव से पहले बादलों की तरफ से निजी बिजली कंपनियों के साथ किए समझौते विरुद्ध जो मोर्चा खोला हुआ था, अपनी कांग्रेस सरकार बनने पर कैसे बंद हो गया? क्या बादलों की तरह कांग्रेस सरकार ने भी निजी बिजली कंपनियों के साथ अपनी हिस्सेदारी की बात पक्की कर ली है? जिस कारण जाखड़ ने चुप्पी साध ली है, जबकि वह बतौर कांग्रेस प्रधान और संसद मैंबर मोर्चे को सड़कों से लेकर संसद तक बुलंद कर सकते थे। मान ने पंजाब खास करके गुरदासपुर हलके के लोगों से अपील की है कि वह भी सुनील जाखड़ को यह सवाल पूछें कि लोगों को लूट रही बिजली कंपनियों के विरुद्ध अब क्यों नहीं जुबान खोलते।

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