शंभू बैरियर पर धरने की बात कर कांग्रेस किसान आंदोलन को कर रही कमजोर: मान

punjabkesari.in Sunday, Dec 13, 2020 - 09:10 AM (IST)

चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने कांग्रेस द्वारा 14 दिसंबर को शंभू बॉडर्र पर दिए जा रहे धरने को वास्तव में किसान आंदोलन को ‘तारोपीड' करने की कोशिश करार दिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने आज यहां कहा कि असल में कांग्रेस कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए भाजपा की ‘बी' टीम बनकर ही काम कर रही है और किसान आंदोलन को बिना किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही खत्म करवाना चाहती है। 

पिछले तीन महीनों से किसान पंजाब की सडक़ों पर दिन-रात बैठे हुए हैं लेकिन तब सत्ता के नशे में इस कांग्रेस पार्टी को किसानों की याद नहीं आई । उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को किसानों के दिल्ली जाने के समय किसानों की अध्यक्षता करनी चाहिये थी लेकिन अब जब किसान दिल्ली-हरियाणा की सरहदों पर बैठे केंद्र सरकार के साथ सीधी आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं तो शंभू बॉडर्र पर धरना देने का मतलब सिर्फ किसान आंदोलन को कमजोर करना है। मान ने कहा कि किसानों को यह दिन देखने पड़ रहे हैं उनके लिए कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी भाजपा और अकाली। 

मान ने कहा कि कांग्रेसी सांसद रवनीत बिट्टू मानसिक संतुलन खो चुके हैं तभी वो लोगों के नेताओं के प्रति ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं। पूरे विश्व में किसान नेताओं की ओर से चलाए जा रहे शांतिपूर्ण किसान आंदोलन की तारीफें हो रही हैं, दूसरी ओर कांग्रेसी नेता इस आंदोलन को भाजपा की तरह ही बदनाम कर रहे हैं। वास्तव में किसानों की ओर से धरना स्थल पर बिट्टू को घुसने की इजाज़त न देने के कारण ही ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेसी सांसदों को जंतर-मंतर में धरना देने की बजाए अपने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर के समक्ष धरना देना चाहिए। जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को ईडी से बचाने के लिए मोदी सरकार के साथ समझौता करके किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। मान ने कहा कि यदि कृषि प्रधान प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाई पावर कमेटी की बैठक में इन कानूनों का विरोध किया होता तो यह कानून न बनते। 
 

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