बाल मज़दूरी को रोकने के लिए सरकारों के बड़े -बड़े दावे फेल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 05:19 PM (IST)

मोगा (साथी): हम अक्सर पढ़ते -सुनते हैं कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं परन्तु जिन बच्चों का ख़ुद का भविष्य बर्बाद और उदास हो, वह देश का कैसे कुछ संवार सकते हैं। देखा जाता है कि झुग्गियों और कच्चे घरों में रहने वाले लोग आर्थिक तंगी कारण न अपने बच्चों का सही ढंग के साथ पालन -पोषण कर सकते हैं और न ही सही शिक्षा दिला पाते हैं।

फलस्वरूप वह अपने बच्चों को भी अपने साथ मज़दूरी करने लगा लेते हैं। राज्य में बाल मज़दूरी को रोकनो के लिए बहुत बड़े दावे किये जाते रहे हैं परन्तु यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं और शहर में हर गली, दुकान, ढाबों, फ़ैक्टरियाँ में छोटे बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है। सरकार बाल दिवस मनाने तक ही सीमित है परन्तु समय की सरकारें बाल मज़दूरी नहीं रोक सकीं।

प्रशासन को चाहिए कि बाल मज़दूरी को रोकने के लिए लगातार दुकानों, ढाबों, फ़ैक्टरियाँ आदि पर छापेमारी कर बाल मज़दूरी को रोका जाये और इन बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजने के लिए बच्चों के माँ बाप को प्रेरित किया जाये और बच्चों की आर्थिक मदद भी की जाये। बाल मज़दूरी हमारे समाज पर बहुत बड़ा कलंक है, जो उम्र बच्चों की स्कूल जाने की है, उस उम्र में बच्चों को गंदी स्थानों से कूड़ा -करकट इकठ्ठा करते देखा जा सकता है। 

Edited By

Tania pathak