Big News: शिरोमणि अकाली दल बादल को बड़ा झटका

punjabkesari.in Sunday, Sep 17, 2023 - 01:31 PM (IST)

भवानीगढ़ (कांसल, संजीव, विकास): शिरोमणि अकाली दल बादल को आज उस समय गहरा झटका लगा जब पंजाब के मालवा क्षेत्र से संबंधित पार्टी के हिंदू समुदाय के नेताओं में से एक, टकसाली नेता पूर्व मुख्य संसदीय सचिव और पूर्व विधायक बाबू प्रकाश चंद गर्ग ने पार्टी की नीतियों से दुखी होने का कारण कहकर अपने सैंकड़ों साथियों के साथ बादल दल को अलविदा कह दिया और उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु, पूर्व राज्यसभा सदस्य और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा के संरक्षण में शिरोमणि अकाली दल संयुक्त में शामिल होने की घोषणा की। स्थानीय शहर में आयोजित यह सादा समारोह नेताओं और कार्यकर्ताओं के भारी इकठ्ठ के कारण रैली में तब्दील हो गया।

इस अवसर पर बाबू प्रकाश चंद गर्ग को सिरोपाओ देकर पार्टी में शामिल कर व संगरूर हलके से प्रभारी की जिम्मेदारी सौंप कर अपने संबोधन में सुखदेव सिंह ढींडसा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल एक लोकतांत्रिक पार्टी है जिसका गठन गुरुघरों को आजाद कराने के समय 500 से अधिक कुर्बानियां देकर किया गया था लेकिन आज अफसोस की बात है कि शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल अपनी निजी ट्रेडिंग कंपनी बादल दल के रूप में चला रहे हैं जो पार्टी के सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। इससे दुखी होकर उन्होंने पहले अकाली दल बादल को छोड़ा और अब बाकी नेतृत्व भी एक-एक करके बादल दल छोड़ रहे है।

ढींडसा ने कहा कि सुखबीर बादल के उपमुख्यमंत्री रहते पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हुईं, आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय डेरा प्रमुख को माफी दे दी गई और गुरु साहिब के अपमान के आरोपियों को गिरफ्तार करने व न्याय की मांग करने वाले निहत्थे युवाओं की हत्या सहित कई पंथ विरोधी कार्यों के कारण पंथ की पीठ में छुरा घोंपा है। जिसके कारण आज शिरोमणि अकाल दल बादल न तो पंथ का है और न ही पंजाब का। इसलिए शिरोमणि अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त कराने के लिए उन्होंने शिरोमणि अकाली दल संयुक्त का गठन किया है‌।

ढींडसा ने कहा कि पंजाब और पंथ की चढ़दी कला के लिए उनके समेत कई बड़े नेता जेल जा चुके हैं और अब शिरोमणि अकाली दल की कमान संभालने वाले सुखबीर बादल न ही कभी खुद जेल गए है और न ही वह लोग जेल गए जिन्हें बादल परिवार द्वारा पंजाब के निर्वाचन क्षेत्रों का नेतृत्व सौंपा जा रहा है, किया उन्होंने पंजाब और पंथ के हितों की रक्षा के लिए कुछ समय भी जेल में बिताया है। उन्होंने कहा कि बादल परिवार अपने निजी लाभ के लिए सभी प्रसिद्ध टकसाली नेताओं को नजरअंदाज कर अपने पसंदीदा बड़े व्यापारियों को बढ़ावा दे रहा है। इसीलिए शिरोमणि अकाली दल की आज पंजाब में ऐसी दुर्दशा है और भगवंत मान के नेतृत्व में दिल्ली से आए टोपी वाले लोग पंजाब में राज कर रहे हैं।

ढींडसा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल किसी से सलाह लेना पसंद नहीं करते, जबकि स्वर्गीय श्री प्रकाश सिंह बादल विनम्र थे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते थे। लेकिन पुत्र मोह में उन्होंने भी हमारी बात नहीं सुनी। सुखबीर बादल के तानाशाही रवैये के कारण पार्टी को हर तरफ से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल संयुक्त सभी धर्मों को एक साथ जोड़कर पुराने शिरोमणि अकाली दल को विकास की राह पर वापस लाएगा।

इससे पहले अपने संबोधन में पूर्व कैबिनेट मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि अकाली दल को कैसे बचाया जाए और अकाली दल को कैसे पुनर्जीवित किया जाए यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाले अकाली दल का अकाली दल से कोई लेना-देना नहीं है, इसका नाम केवल शिरोमणि अकाली दल है, जबकि हकीकत में यह केवल बादल दल बन कर रह गया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल एक महान विचार है और आज पंजाब को अकाली दल की बहुत जरूरत है।

इस मौके पर अपने संबोधन में बाबू प्रकाश चंद गर्ग ने कहा कि जब तक सुखबीर सिंह बादल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं, तब तक शिरोमणि अकाली दल प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जब पंजाब में आतंकवाद का काला दौर था और हिंदू परिवार पंजाब को छोड़कर दूसरे राज्यों में शरण ले रहे थे, तब मैंने हजारों हिंदू परिवारों को शिरोमणि अकाली दल से जोड़ा था। लेकिन आज पार्टी के अध्यक्ष द्वारा मुझे और हिंदू समुदाय को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है और बाहरी निर्वाचन क्षेत्रों से अपने पसंदीदा नेताओं को संगरूर से प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है, जिसके कारण मैं और मेरे सैकड़ों साथी अकाली दल बादल को अलविदा कहते हैं और हम ढींडसा के संरक्षण में शिरोमणि अकाली दल को पुनर्जीवित करने के लिए संयुक्त दल में शामिल हुए हैं। 

बाबू प्रकाश चंद्र गर्ग ने कहा के सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा हिंदुस्तान के सिख समुदाय और अकाली दल के सबसे बड़े और लोकप्रिय नेता है। प्रकाश चंद गर्ग के साथ पार्टी में शामिल होने वालों में प्रेम चंद्र गर्ग पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद, पूर्व चेयरमैन कुलवंत सिंह जोलिया, चेयरमैन रविंदर सिंह काकड़ा, सरपंच अमरजीत सिंह , नगर निगम पार्षद इंद्रपाल सिंह सीबिया और कुलदीप सिंह, चितवंत सिंह मान, उपाध्यक्ष रणबीर सिंह, पूर्व सरपंच सिंह थमन सिंह वाला, सरपंच जसवीर सिंह नारायणगढ़, सरपंच जंग सिंह भट्टीवाल, बलजीत सिंह भट्टीवाल, सुरिंदर सिंह,  वीर चक्र पनवा, सरपंच बलकार सिंह झनेड़ी, गोगी सर्कल अध्यक्ष, सरपंच मनजीत सिंह हरकिशनपुरा, एसजीपीसी सदस्य हरदेव सिंह रोगला, टकसाली नेता तरसेम सिंह पनवा, जंग सिंह फतेहगढ़ भादसों, सरपंच शमशेर सिंह माला, अजैब सिंह रेटगर, सरपंच सुखविंदर सिंह , बलकार सिंह बसियारख, सरपंच अमर सिंह बसियारख, राजदीप , जगतार सिंह, नरिंदर सिंह , केवल सिंह, सोहन लाल सोनू संगरूर, गुरप्रीत सिंह फमांवाला, सुखचैन सिंह , रेम्बो, पिंटा, दरबारा सिंह, सरपंच मिश्रा सिंह, सोनी लाडी, डॉ. कौर सिंह भट्टीवाल, रणजीत सिंह भट्टीवाल, सलीम गुरथली, अवतार सिंह लाडी, सरपंच अमेज सिंह, बलकार सिंह झनेड़ी, राम सरूप, महेंदर सिंह, प्रेम कुमार अन्य प्रमुख सज्जन थे।

पूर्व मंत्री और भाजपा नेता जगदीप सिंह नकई, तेजिंदर पाल सिंह, रणधीर सिंह रखड़ा, जिला अध्यक्ष सतगुर सिंह नमोल, निहाल सिंह नंदगढ़, बलजिंदर सिंह गोगी चन्नो, हरबंस सिंह संघरेड़ी, मेजर सिंह झनेड़ी, प्रीतपाल सिंह हांडा, सरबजीत सिंह डूमवाली, गुरचरण सिंह चन्नो, सुखवंत सिंह सराओ, एसजीपीसी सदस्य मलकीत सिंह गलहल, रामपाल सिंह बहनीवाल, महिला अकाली दल की जिला अध्यक्ष बीबी चरणजीत कौर, अमनवीर सिंह चेरी, हरप्रीत सिंह ढींडसा, जीवन गर्ग, अमर सिंह चहल, शिक्षक दल के पूर्व अध्यक्ष मास्टर हरदेव सिंह जवंधा, रिपुदमन ढिलो पूर्व अध्यक्ष, जसविंदर सिंह प्रिंस, संदीप दानिया, विजय लंकेश, अमरजीत सिंह बाबा, मंडल अध्यक्ष कुलवंत सिंह गेहलान, एडवोकेट मनप्रीत सिंह ग्रेवाल, प्रोफेसर मनप्रीत गिल, केवल सिंह जालान, अमरेंद्र घाबदां, मनिंदर लखमीर वाला, राजिंदर सिंह पूर्व सरपंच मुंशीवाला, प्रेम कुमार, ज्ञान सिंह गलहल, प्रीतम सिंह मंगवाल, धरमिंदर सिंह भट्टीवाल और मीडिया प्रभारी गुरमीत सिंह जोहल भी मौजूद थे।

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News Editor

Urmila